प्रदूषण पर मानवाधिकार आयोग हुआ सख्त, जानें क्यों केंद्र और राज्यों को किया सूचना जारी
प्रदूषित वातावरण में ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर ये सूचना जारी की गई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग प्रदूषण मामले पर सख्त नजर आ रहा है। एनएचआरसी ने इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव और सभी राज्यों और केंद्रीय क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को सूचना जारी की है। प्रदूषित वातावरण में ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर ये सूचना जारी की गई है। मामले में मानवाधिकार आयोग ने उनसे 8 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
बता दें कि इस साल राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने सबसे उंचे स्तर पर था। पिछले तीन महीनों से स्मॉग और धुंध ने एयर क्वालिटी में काफी बदलाव किये हैं। इससे वातावरण में दृश्यता की कमी और पीएम (पर्टिकुलर मैटर) की मात्रा काफी बढ़ गई है।
घट रहा एयर पॉल्यूशन इंडेक्स
इस साल 26 जनवरी का दिन पिछले तीन सालों में सबसे कम प्रदूषित रहा। 23 जनवरी को हुई बारिश ने प्रदूषण को काफी कम कर दिया है। हालांकि, बारिश के पूर्वानुमान से पूर्व 26 जनवरी तक प्रदूषण की संभावना व्यक्त की गई थी। पिछले तीन सालों में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली का एयर इंडेक्स कभी 300 से नीचे नहीं रहा, लेकिन शुक्रवार को एयर इंडेक्स महज 255 रहा। सफर इंडिया ने अगले तीन दिनों तक प्रदूषण का स्तर कम ही रहने की संभावना जताई है।
पिछले तीन सालों के दौरान गणतंत्र दिवस पर सबसे अधिक प्रदूषण 2016 में रहा था और एयर इंडेक्स 417 दर्ज किया गया था, जबकि 2017 में स्थिति कुछ बेहतर रही थी और एयर इंडेक्स 317 रहा था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली के अलावा सिर्फ गुरुग्राम में एयर इंडेक्स 201 प्वाइंट दर्ज हुआ है। एनसीआर के अन्य प्रमुख शहर दिल्ली से कहीं अधिक प्रदूषित रहे। फरीदाबाद में एयर इंडेक्स 321, नोएडा में 360, गाजियाबाद में 379 रहा। सफर इंडिया के अनुसार शुक्रवार को प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर 107 एमजीसीएम (माइक्रो क्यूबिक प्रति घन मीटर) रहा। अगले तीन दिनों तक इसके इसी स्तर पर बने रहने की संभावना है।
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