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कोविड कार्य कर रहे शिक्षकों को कोरोना योद्धा माने स्वास्थ विभाग, एनएचआरसी ने दिए निर्देश

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संबंधी कार्य कर रहे शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह अग्रिम पंक्ति का कोरोना योद्धा मानने का निर्देश दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 11:08 PM (IST)
कोविड कार्य कर रहे शिक्षकों को कोरोना योद्धा माने स्वास्थ विभाग, एनएचआरसी ने दिए निर्देश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की तरह 'अग्रिम पंक्ति का कोरोना योद्धा' मानने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संबंधी कार्य कर रहे शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह 'अग्रिम पंक्ति का कोरोना योद्धा' मानने का निर्देश दिया है। मंत्रालय को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शिक्षकों को यथाशीघ्र बीमा और समान मुआवजा मिले। दिवंगत होने वाले शिक्षकों के मुआवजे की राशि एवं अन्य सेवा लाभ शीघ्र जारी करने को कहा गया है।

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मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं सुप्रीम कोर्ट में नागरिक अधिकार पर वकील राधाकृष्ण त्रिपाठी की अर्जी पर आयोग ने आदेश पारित किया। देश भर से कुछ उदाहरण देते हुए त्रिपाठी ने उल्लेख किया कि ओडिशा के गंजाम जिले के शिक्षक सीमांचल सतपती का तीन जुलाई, 2020 को निधन हो गया। मौत के दस महीने बाद भी उनके आश्रित को कोई राशि नहीं दी गई है। त्रिपाठी की अर्जी के अनुसार, भुवनेश्वर के एक अस्पताल में 27 वर्षीय बेटे का निधन होने की जानकारी मिलने के बाद उनके माता-पिता ने आत्महत्या कर ली। दादरा एवं नगर हवेली में दस शिक्षकों की मौत हो चुकी है।

उल्‍लेखनीय है कि सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए एक लाख से अधिक 'कोरोना योद्धा' तैयार करने जा रही है। इसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए स्किल इंडिया के अंतर्गत शुक्रवार को क्रैश कोर्स की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इससे पिछले 16 माह से लगातार काम कर रहे हेल्थकेयर वर्कर्स पर बोझ कम होगा।

पीएम मोदी के अनुसार, कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप से भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में अग्रिम मोर्चे के कोरोना योद्धाओं की जरूरत है। एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर इसके लिए तैयार करने का फैसला किया गया है। दो-तीन महीने की आनजाब ट्रेनिंग के बाद ये युवा अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए पूरी तरह सक्षम होंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम को मोटे तौर पर छह क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।  


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