..नहीं तो जेल भेजे जाएंगे तेल कंपनी के निदेशक, प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने दी चेतावनी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण रोधी वेपर रिकवरी सिस्टम नहीं लगाने पर इन कंपनियों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सरकारी तेल कंपनियों को चेताया है कि उसके आदेश का पालन नहीं किया तो उनके निदेशकों को जेल भेज दिया जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण रोधी वेपर रिकवरी सिस्टम नहीं लगाने पर इन कंपनियों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी ने इन कंपनियों को जुर्माने की राशि जल्द से जल्द जमा कराने का आदेश दिया था, लेकिन इन कंपनियों ने ऐसा नहीं किया। मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण रोधी उपकरण नहीं लगाने पर लगा था एक करोड़ जुर्माना
भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन पर जुर्माना ठोका गया था। वेपर रिकवरी सिस्टम एक तरह का उपकरण है जो पेट्रोल पंपों पर गाडि़यों और वहां की भूमिगत टंकियों में पेट्रोल और डीजल भरते समय निकलने वाली गैसों को खींच लेता है।
एनजीटी चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने इस बात पर सख्त नाराजगी जताई कि 28 सितंबर, 2018 को दिए उसके आदेश का अब तक पालन नहीं किया गया है। एनजीटी ने जुर्माने की रकम को एक हफ्ते में जमा कराने का निर्देश दिया है।
बोर्ड ने कहा, 'यह पर्यावरण से जुड़ा मामला है और आप लोग लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। इसलिए हम भी आपके जीवन से खेलेंगे। आप लोगों को जेल में रखने में कोई नुकसान नहीं है। हमने सितंबर में आदेश पारित किया और आप लोगों ने उसका अभी तक पालन नहीं किया।'
पीठ ने आगे कहा, 'अगर सरकारी अधिकारियों द्वारा ही हमारे आदेश का पालन नहीं किया जाएगा, तो इस ट्रिब्यूनल की जरूरत ही क्या है?' पीठ ने हर्जाना जमा करने और दो हफ्ते के भीतर अनुपालन हलफनामा जमा कराने को कहा। साथ ही यह भी कहा कि अगर हर्जाने की राशि जमा नहीं कराई जाती है तो उसके लिए जिम्मेदार निदेशकों के वेतन या उनकी संपत्ति से वह राशि काट ली जाएगी। पीठ ने कहा कि आदेश का पालन होता है तो ठीक नहीं तो अगली सुनवाई पर कंपनी के निदेशक हाजिर हों।