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Gaganyaan: यह है ISRO का नया प्‍लान, अगले साल पहली और 2021 में दूसरी स्पेस फ्लाइट

ISRO गगनयान प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर 2020 में पहली और जुलाई 2021 में दूसरी मानवरहित स्पेस फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा। आइये जानते हैं गगनयान को लेकर क्‍या हैं इसरो की योजनाएं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 02:30 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 10:00 AM (IST)
Gaganyaan: यह है ISRO का नया प्‍लान, अगले साल पहली और 2021 में दूसरी स्पेस फ्लाइट
Gaganyaan: यह है ISRO का नया प्‍लान, अगले साल पहली और 2021 में दूसरी स्पेस फ्लाइट

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space Research Organisation, ISRO) ने कहा है कि वह गगनयान प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर 2020 में पहली और जुलाई 2021 में दूसरी मानवरहित स्पेस फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो प्रमुख के सिवन की मानें तो उक्‍त दो प्रयोगों के बाद दिसंबर 2021 में तीसरी फ्लाइट अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्‍पेस में रवाना होगी। आइये जानते हैं, भविष्‍य में गगनयान को लेकर इसरो की क्‍या योजनाएं हैं और यह मिशन हमारे देश के लिए क्‍यों बेहद अहम है।

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स्पेस में भारत का पहला मानव मिशन

गगनयान स्पेस में भारत का पहला मानव मिशन होगा, जिसे स्वदेशी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 के जरिए अंजाम दिया जाएगा। भारत के लिए यह बेहद जरूरी प्रोजेक्ट है क्योंकि इसकी सफलता से स्‍पेस के क्षेत्र में इसरो की धाक बढ़ जाएगी। दिसंबर 2021 में गगनयान परियोजना के तहत तीन वैज्ञानिकों की टीम स्‍पेस में भेजी जाएगी। यह टीम कम से कम सात दिन तक गुजारने के बाद वापस धरती पर लौट आएगी। भारतीय वायुसेना के मुताबिक, इस परियोजना के लिए 10 पायलटों के चयन का पहला चरण पूरा हो गया है।

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी करेगी मदद 

अब वायुसेना और इसरो दोनों मिलकर इस मिशन के लिए फाइनल तीन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर रहे हैं। इन चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा जाएगा। इसरो ने इस काम के लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस के साथ इसी साल दो जुलाई को करार किया था। स्‍पेस में ये अंतरिक्ष यात्री विभिन्न प्रकार के माइक्रो ग्रैविटी परिक्षणों को अंजाम देंगे। इस मिशन में किसी महिला अंतरिक्ष यात्री के होने की संभावना नहीं है।

10 हजार करोड़ रुपए आएगा खर्च 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लालकिले की प्राचीर से गगनयान मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। पिछले साल केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी थी। बता दें कि स्‍पेस में जाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन थे जिन्‍होंने साल 1961 में स्‍पेस की यात्रा की थी। देश के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा ने 2 अप्रैल 1984 को रूस के सोयूज टी-11 में बैठकर स्‍पेस की यात्रा की थी। अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला रूस की वेलेन्टिना तरेश्कोवा ने 16 जून 1963 को स्‍पेस की यात्रा की थी। अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला को 1997 में यह मौका मिला था। 

मिशन गगनयान बेहद महत्वपूर्ण 

इसरो के प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को कहा था कि भारत 2021 में अंतरिक्ष में मानव भेजकर इतिहास रचेगा। इसरो के गगनयान अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि भारत के लिए गगनयान मिशन बहुत महत्वपूर्ण है। यह देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाएगा। उन्‍होंने बताया था कि चंद्रयान-2 मिशन ने 98 फीसद सफलता हासिल कर ली है। जहां तक प्रौद्योगिकी प्रमाण के मोर्चे की बात है तो इसमें लगभग पूरी तरह सफलता हासिल की गई है। 

लैंडर विक्रम से उम्‍मीदें खत्‍म 

वैसे लैंडर विक्रम से उम्‍मीदें अब पूरी तरह खत्‍म हो गई हैं। इस समय चंद्रमा पर रात है। लैंडर विक्रम की बैटरी को चार्ज करने के लिए अब सूरज की रोशनी नहीं मिलेगी। लैंडर को एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) काम करना था। शनिवार को तड़के यह समय खत्म हो गया। सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के लिए शुरू में एक वर्ष की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब संभावना है कि वह साढ़े सात वर्षों तक अहम जानकारियां देता रहेगा।


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