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New MV Act 2019: E-Challan कटा या नहीं ऐसे करें चेक, जानें- कब होता है ये चालान

New MV Act 2019 लागू होने के बाद वाहन चालकों में ई-चालान का खौंफ है। इसकी जानकारी लेने के लिए लोग ट्रैफिक पुलिस ऑफिस के चक्कर काट रहे। जानें- कैसे होता है ई-चालान?

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 12:58 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 03:37 PM (IST)
New MV Act 2019: E-Challan कटा या नहीं ऐसे करें चेक, जानें- कब होता है ये चालान
New MV Act 2019: E-Challan कटा या नहीं ऐसे करें चेक, जानें- कब होता है ये चालान

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। New Motor Vehicle Act 2019 लागू होने के बाद से वाहन चालकों में सबसे ज्यादा खौंफ ई-चालान (E-Challan) को लेकर है। अलग-अलग शहरों से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि बहुत से लोग ट्रैफिक पुलिस ऑफिस के चक्कर केवल ये जानने के लिए काट रहे कि उनका कहीं ई-चालान तो नहीं हुआ है। कुछ जगहों पर लोगों ने ई-चालान का विरोध भी शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि ई-चालान कब कट जाता है उन्हें पता ही नहीं चलता। उन्हें इसका पता तब चलता है जब चालान घर पहुंचता है या उसका एसएमएस आता है। ऐसे में वाहन चालकों को ये जानना बेहद जरूरी है कि किन परिस्थितियों में उनका ई-चालान हो सकता है?

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मालूम हो कि नया मोटर वाहन अधिनियम 2019 लागू होने के साथ ही भारी प्रतिदिन भारी जुर्माने की खबरें मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं। कुछ राज्य सरकारों ने भी भारी जुर्माने के साथ नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का विरोध शुरू कर दिया है। लोगों के विरोध के बाद गुजरात पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने के बाद मात्र 10 दिन के भीतर इसके जुर्माने की राशि घटा दी है। उत्तराखंड सरकार ने भी कैबिनेट बैठक कर कुछ धाराओं में चालान के जुर्माने की राशि कम करने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र ने भी इस एक्ट को लागू करने के 12 दिन के अंदर स्थगित कर दिया है। कई राज्यों ने नए एक्ट को लागू ही नहीं किया, जबकि कई अन्य राज्य जो संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर चुके हैं, वह गुजरात की तर्ज पर जुर्माना घटाने पर विचार कर रहे हैं।

ई-चालान का मतलब
ई-चालान मतलब कंप्यूटर सिस्टम द्वारा किया जाने वाला इलेक्ट्रॉनिक चालान। अमूमन ये चालान चौराहों पर लगे खास तरह के सीसीटीवी कैमरों की मदद से होता है। चौराहों पर लगे ये खास किस्म के कैमरे यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों की अपने आप नंबर प्लेट सहित फोटो खींच लेते हैं। इसके बाद ये फोटो ऑटोमैटिक तरीके से ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम को उपलब्ध हो जाती है। ट्रैफिक पुलिस उन फोटो के जरिए कंप्यूटर द्वारा वाहन का संबंधित धाराओं में ई-चालान जेनरेट करती है। इसके बाद इस ई-चालान का प्रिंट निकालर संबंधित वाहन स्वामी के घर डाक से भेज दिया जाता है या फिर उसके मोबाइल नंबर एसएमएस के जरिए भेजा जाता है। पुलिसकर्मी भी अपने मोबाइल कैमरे से फोटो खींचकर इसी तरह ई-चालान भेज सकते हैं।

कहां से मिलता है मोबाइल नंबर
बहुत से लोग सवाल पूछते हैं कि ई-चालान का एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए पुलिस को वाहन मालिक का मोबाइल नंबर कहां से मिलता है? दरअसल कुछ समय से केंद्र सरकार ने वाहनों के पंजीकरण और नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा प्रदूषण सर्टिफिकेट (पीयूसी) के लिए भी मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपका वाहन पुराना है और उसके रजिस्ट्रेशन में मोबाइल नंबर शामिल नहीं है तो ट्रैफिक पुलिस आपके वाहन बीमा की पॉलिसी से भी आपका मोबाइल नंबर ले सकती है।

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किन परिस्थितियों में हो सकता है ई-चालान
ट्रैफिक पुलिस कुछ खास परिस्थितियों में ही आपका ई-चालान कर सकती है। सभी तरह के यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए आपका ई-चालान नहीं किया जा सकता है। ई-चालान केवल उन्हीं परिस्थितियों में हो सकता है, जबकि आपके द्वारा तोड़ा जा रहा यातायात नियम दूर से देखकर ही पता चल जाए। जैसे रेड लाइट जंप, विपरीत दिशा में चलना, दोपहिया वाहन पर तीन सवारी, हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाना, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करना आदि। अगर आपकी गाड़ी के पेपर पूरे नहीं हैं तो आपका ई-चालान नहीं हो सकता है।

ऑन स्पॉट और ई-चालान में अंतर
यातायात नियमों के उल्लंघन पर पुलिस दो तरह से वाहनों का चालान काटती है। पहला ऑन स्पॉट, जो कि पारंपरिक और पुराना तरीका है। ये चालान यातायात नियम का उल्लंघन करने पर वाहन चालक को रोककर ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा चालान पर्ची भरकर या कंप्यूटराइज डिवाइज की मदद से किया जाता है। इस तरह का चालान करते वक्त पुलिस संबंधित वाहन का पूरा पेपर भी चेक करती है। दूसरा होता है ई-चालान,ये आधुनिक तरीका है, जिसमें यातायात नियम का उल्लंघन करने पर कैमरों के जरिए ऑटोमैटिक चालान होता है। इसमें वाहन चालक को रोकने की जरूरत नहीं पड़ती है।

माफ नहीं हो सकता ई-चालान
सामान्य परिस्थिति में ई-चालान माफ नहीं हो सकता। कोर्ट से भी ई-चालान में वाहन चालक को कोई राहत नहीं मिल सकती। दरअसल इस चालान के साथ आपके यातायात नियम तोड़ने का फोटो या वीडियो भी होता है, जो इस बात का साक्ष्य होता है कि आपने जान-बूझकर नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में आपको काई बहाना नहीं चल सकता।

कोई भी करा सकता है चालान
अगर आप पुलिस के कैमरों या चौराहों पर लगे कैमरे से बच गए तो भी आपका ई-चालान कट सकता है। जी हां, कोई भी व्यक्ति यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले का क्लियर वीडियो बनाकर या फोटो खींचकर उसका चालान करा सकता है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को फोटो या वीडियो बनाकर तिथि, समय और स्थान के साथ उस क्षेत्र की पुलिस को जानकारी उपलब्ध करानी है। ये जानकारी सोशल मीडिया के जरिए भी पुलिस को उपलब्ध कराई जा सकती है। नोएडा, दिल्ली समेत कई जगहों की पुलिस को सोशल मीडिया से प्रतिदिन इस तरह की तस्वीरें और वीडियो प्राप्त हो रही हैं और पुलिस उनके आधार पर संबंधित वाहन चालक का ई-चालान कर रही है।

पुलिस के लिए आसान है ई-चालान
पुलिस के लिए भी ई-चालान आसान और सुविधाजनक है। मतलब पुलिस को कड़ी धूप में खड़े होने, जान जोखिम में डाल वाहन चालक को रोकने और फिर चालान काटने के लिए उससे बहस करने की कोई जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं ई-चालान चूंकि फोटो के साथ होता है, लिहाजा वाहन चालक पुलिसकर्मी पर बेबुनियाद आरोप भी नहीं लगा सकता। फोटो युक्त चालान होने की वजह से कोर्ट में भी इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।

ऐसे चेक करें ई-चालान हुआ या नहीं
अगर आपको भी ये जानना चाहते हैं कि आपका कोई ई-चालान पेंडिंग तो नहीं है या कहीं आपका भी तो ई-चालान नहीं हुआ पड़ा है, तो आप इंटरनेट की मदद से इसका पता लगा सकते हैं। इसके लिए आपको https://echallan.parivahan.gov.in/ पर जाना होगा। यहां आपको चेक चालान स्टेटस का विकल्प मिलेगा। इस विकल्प पर जाकर आप अपनी गाड़ी के नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस के नंबर या एसएमएस से प्राप्त ई-चालान के नंबर से उसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एसएमएस से ई-चालान की जानकारी भेजने के साथ ही इसका लिंक भी दिया जाता है। यहां पर आपको चालान का ऑनलाइन भुगतान करने का विकल्प भी मिल जाएगा।

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