15 साल की मल्लिका के अंगों से तीन लोगों को मिली नई जिंदगी
शनिवार प्रात: 4.47 बजे एसएसकेएम अस्पताल से ईएम बाइपास स्थित उक्त अस्पताल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। महानगर ने शुक्रवार रात अंग प्रत्यारोपण में एक और मिसाल कायम की। 'ब्रेन डेड' घोषित की गई 15 साल की किशोरी के अंगों को एसएसकेएम अस्पताल से ईएम बाइपास स्थित गैरसरकारी अस्पताल 'ग्रीन कॉरिडोर' बनाकर ले जाया गया, जिससे तीन लोगों को नई जिंदगी मिल गई। मृतका के पिता इस बात से खुश हैं।
सिलीगुड़ी की रहने वाली मल्लिका मजुमदार (15) की 13 अगस्त को मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने उसे 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया था। मृतका के पिता मानिक मजुमदार ने बताया कि एसएसकेएम के डॉक्टरों ने कई बार उनसे अंगदान करने की गुजारिश की थी। उनकी अपील पर वह बेटी के अंगों को दान करने के लिए राजी हो गए। इसके बाद शुक्रवार रात अंग प्रत्यारोपण की योजना बनी। अजय रमाकांत नामक 45 वर्षीय हैदराबादी युवक को रात 11 बजे चेन्नई से कोलकाता लाया गया। उसे लिवर की बीमारी थी। उसे ईएम बाइपास स्थित एक गैरसरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शनिवार प्रात: 4.47 बजे एसएसकेएम अस्पताल से ईएम बाइपास स्थित उक्त अस्पताल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। मृतका का लिवर 13 मिनट के भीतर एसएसकेएम से बाइपास स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां सफल ऑपरेशन कर उसे अजय के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। वहीं, दूसरी ओर उत्तर 24 परगना जिले के खड़दह की रहने वाली मौमिता चक्रवर्ती और सोदपुर के रहने वाले संजीव दास में मल्लिका की एक-एक किडनी प्रत्यारोपित की गई।