नए साल में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका गहराई, तेजी से पैर पसार रहा कोरोना का नया रूप
तमाम उपायों और तैयारियों के बावजूद वायरस के नए स्वरूप का तेजी से फैलना सुनिश्चित माना जा रहा है। नए स्वरूप में वायरस तेजी से फैलता है इसकी वजह से जनवरी-फरवरी महीने में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप (स्ट्रेन) से अब तक 20 लोग संक्रमित मिले हैं। इससे नए साल में संक्रमण बढ़ने की आशंका गहरा गई है। वायरस के नए स्ट्रेन को फैलने से रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तैयारियों में जुट गया है और राज्यों को पत्र लिखकर नए साल के जश्न पर कड़ी निगरानी रखने और कोरोना से संबंधित नए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। वहीं, ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बुधवार को इस पर विचार करने के लिए बैठक हुई।
कोरोना वायरस के नए स्वरूप से 14 नए मरीज संक्रमित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ब्रिटेन में पनपे कोरोना वायरस के नए स्वरूप से संक्रमित 14 नए मरीज सामने आए हैं। इस तरह कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। इन सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर कोरेंटाइन भी किया जा रहा है।
वायरस को फैलने से रोकने में जुटा स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्यों को लिखा पत्र
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर वायरस के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने और इसके लिए 22 दिसंबर को जारी नई गाइडलाइंस पर कड़ाई से पालन करने को कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- वायरस के नए स्वरूप को रोक पाना संभव नहीं
तमाम उपायों और तैयारियों के बावजूद वायरस के नए स्वरूप का तेजी से फैलना सुनिश्चित माना जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टेस्ट, ट्रैक और कोरेंटाइन कर वायरस के प्रसार की गति को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन उसे रोक पाना संभव नहीं होगा।
जनवरी-फरवरी में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है
चूंकि नए स्वरूप में वायरस तेजी से फैलता है, इसकी वजह से जनवरी-फरवरी महीने में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है और इसे रोकने के लिए राज्य सरकारें स्थानीय स्तर पर नाइट कर्फ्यू से लेकर अन्य कदम उठा सकती हैं। हालांकि, अधिकारी ने देश में लॉकडाउन को नए सिरे से लागू किए जाने की आशंका को खारिज कर दिया।
सीरम के नए डाटा पर विचार
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना के वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दिए जाने पर पहले से विचार किया जा रहा था। अब संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुए इसमें तेजी आ सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट के नए डाटा पर विचार के लिए बुधवार को एसईसी की बैठक हुई। माना जा रहा है कि नए डाटा के आधार पर एसईसी ने अपनी सिफारिश भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को भेज दिया है। डीसीजीआइ इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे सकती है।
ब्रिटेन में मंजूरी से बढ़ी उम्मीद
सीरम ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर आधारित है। ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि भारत में भी यह मंजूरी जल्द मिल जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट के साथ ही फाइजर, और भारत बायोटेक ने डीसीजीआइ के सामने अपनी-अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी थी। डीसीजीआइ ने सभी से अतिरिक्त डाटा की मांग की थी। सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ने ही यह डाटा उपलब्ध कराया था।