बड़े बदलावों के साथ इस महीने के अंत तक आ सकती है नई शिक्षा नीति, क्लास रूम पर घटेगी निर्भरता
कोरोना संकट के बीच कुछ बड़े बदलावों के साथ इस महीने के अंत तक देश में नई शिक्षा नीति को लाने की तैयारी है। जानें क्या होगी इसकी रूपरेखा...
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संकट के बीच देश की शिक्षा का नया रास्ता अब प्रस्तावित नई शिक्षा नीति से होकर ही निकलेगा। फिलहाल इस नीति को कुछ बड़े बदलावों के साथ इस महीने के अंत तक लाने की तैयारी है। इसमें ऑनलाइन शिक्षा के रोडमैप के साथ आगे की पढ़ाई का एक ऐसा मॉडल होगा, जिसमें क्लास रूम परनिर्भरता घटेगी। साथ ही ऐसी विषयवस्तु भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें रटने का काम कम बल्कि कल्पनाशीलता को ज्यादा तरहीज मिल सकती है। फिलहाल नीति को लाने से पहले एनसीईआरटी ने मंत्रालय को ऐसे ही कुछ अहम प्रस्ताव दिए हैं।
वैसे भी प्रस्तावित नीति को लाने में पहले से ही काफी देरी हो चुकी है। ऐसे में इसके लिए उपयुक्त मौके की तलाश में जुटे मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अब इसे लाने के इससे अच्छा मौका नहीं दिख रहा है। सूत्रों की मानें कोरोना संकट को देखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में वैसे भी बदलाव की भारी गुंजाइश बन गई है। ऐसे में इस बदलाव को योजनाबद्ध तरीके से लागू करने की बात हो रही है। हालांकि इसे तत्कालिक तौर पर लागू करने थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन जो भी बदलाव किए जाएं, वह नीति के मुताबिक हो, तो अगले सत्र यानि अप्रैल 2021 में इसे अपनाने में और ज्यादा आसानी होगी। साथ ही तब तक इसके लिए किताबें आदि भी तैयार हो सकेगी।
इस बीच एनसीईआरटी ने स्कूली पाठ्यक्रम में बदलावों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक प्रस्ताव दिया है। साथ ही नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने एक लिए विशेषज्ञों की करीब दो दर्जन कमेटियां भी गठित कर दी है, जिन्होंने इसे लेकर काम शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो एनसीईआरटी ने यह कदम मंत्रालय के संकेत मिलने के बाद ही उठाया है। गौरतलब है कि इस प्रस्तावित नई शिक्षा नीति पर पिछले करीब पांच सालों से काम चल रहा था, लेकिन इस करीब दो साल पहले इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय कमेटी ने अंतिम रूप दिया। इसके बाद इस नीति के ड्राफ्ट को लेकर देश भर से सुझाव मंगाए गए। बाद में सुझावों के आधार पर इसे कई बदलाव किए। फरवरी में प्रस्तावित नीति के अंतिम स्वरूप को प्रधानमंत्री के सामने भी प्रस्तुत किया गया था।