Move to Jagran APP

New Education Policy: हर जिले के आसपास होगा उच्च शिक्षण संस्थान, सभी विषयों की होगी पढ़ार्इ

2030 तक प्रत्येक जिले या आसपास ही एक ऐसा बड़ा बहु-विषयक संस्थान विकसित या स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है जिसमें सभी विषयों की पढ़ाई हो सके।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 12:41 AM (IST)
New Education Policy: हर जिले के आसपास होगा उच्च शिक्षण संस्थान, सभी विषयों की होगी पढ़ार्इ
New Education Policy: हर जिले के आसपास होगा उच्च शिक्षण संस्थान, सभी विषयों की होगी पढ़ार्इ

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उच्च शिक्षा के लिए घर छोड़कर दूर जाने की शायद जरूरत नहीं होगी। नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के बीच की इस दूरी को पाटने की बड़ी पहल की गई है। इसके तहत 2030 तक प्रत्येक जिले या आसपास ही एक ऐसा बड़ा बहु-विषयक संस्थान विकसित या स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें सभी विषयों की पढ़ाई हो सके। यह संस्थान सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्र के हो सकते है। नीति का मानना है कि उच्च शिक्षा के बीच इस दूरी को पाटे बगैर उच्च शिक्षा के संकल नामांकन दर (जीईआर) के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा। 

loksabha election banner

नई शिक्षा नीति में कॉलेजों की दूरी को कम करने का प्रस्ताव

फिलहाल नीति में 2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर को 50 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा समय में उच्च शिक्षा का यह सकल नामांकन दर करीब 26 फीसद है। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में छात्र इसलिए ही उच्च शिक्षा की ओर कदम नहीं बढ़ाते है, क्योंकि वह उनकी पहुंच से काफी दूर होते हैं। नीति में इसी दूरी को कम करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही छात्रों का उच्च शिक्षा की ओर कदम न बढ़ाने का दूसरा जो बड़ा कारण माना जाता है, वह उनकी रुचि के विषयों का नजदीक के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई का न होना है। यही वजह है कि नीति में जो नए उच्च शिक्षण संस्थान विकसित या स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, वह सभी बहुविषयक होंगे। यानी उनमें विज्ञान, कला, संगीत और तकनीक सभी की पढ़ाई होगी। इसके साथ ही नीति में इस संस्थानों की गुणवत्ता को भी मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। साथ ही इन संस्थानों में जो पढ़ाई होगी, वह दो भाषाओं में दी जाएगी। इनमें एक भारतीय भाषा होगी। 

विश्वविद्यालयों के आगे से हटेंगे डीम्ड या एकल जैसे शब्द

उच्च शिक्षा की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालय को लेकर पैदा होने वाले भ्रम को खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है। जिसमें विश्वविद्यालय के नाम के आगे डीम्ड, संबद्ध या फिर एकल जैसे शब्दों से परहेज करने की बात कही गई है। साथ ही कहा है कि यदि किसी संस्थान ने तय मानकों को पूरा करके लिए यह मापदंड हासिल किया है, तो उनका नामकरण सिर्फ विश्वविद्यालय ही हो। मौजूदा समय में विश्वविद्यालयों की डीम्ड, एकल जैसी कई श्रेणियों के खड़ी हो जाने से छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति रहती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.