'गांधी ही दिला सकते थे आजादी, नेहरू ही चला सकते थे देश'
राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों के लिए भी पहली बार कहा गया कि दिल्ली पहली बार कांग्रेस मुक्त हुई है।
भोपाल, नईदुनिया। 'आजादी हमें केवल गांधी दिला सकते थे और लोकतंत्र व गणतंत्र से ओतप्रोत नेहरू ही देश चला सकते थे। अगर इसका उल्टा होता हो तो क्या नेहरू हमें आजादी दिला सकते थे और क्या अस्सी साल के गांधी आजादी के बाद देश चला सकते थे? यह बात कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से चर्चा में कही।
सिंघवी ने बताया कि एक बार पाकिस्तान दौरे के समय उनसे कुछ लोगों ने पूछा था 1930-60 के बीच स्वतंत्र हुए 30-40 देशों में आप अकेले लोकतांत्रिक देश हैं। तब मेरा जवाब था एक तो हमारा सौभाग्य है और दूसरा हमें गांधी-नेहरू जैसे क्रमबद्ध व्यक्तित्व मिले, जिससे आजादी मिली और लोकतंत्र कायम रहा। सिंघवी ने मध्य प्रदेश के संदर्भ में कहा कि यहां व्यापमं घोटाला हुआ, घिसटते-घिसटते सीबीआई को जांच सौंपी गई, अब वह भी धीमी रफ्तार से जांच कर रही है। उसमें कई जानें जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि प्याज खरीदी की ऐसी नीति बनाई, जिसमें किसान को नुकसान और बिचौलियों, व्यापारियों को ही लाभ हुआ। किसानों को अपना हक मांगने पर गोलियां मिलीं। सरदार सरोवर बांध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नंबर बढ़ाने के लिए मप्र के नुकसान को नजरअंदाज किया जा रहा है। एक महिला के अनशन पर सरकार असंवेदनशील है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा देश में असहिष्णुता, प्रतिशोध, संकीर्णता की राजनीति शुरू हुई है। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हुए हमले को इसकी परिणीति बताया। पहले कहा गया कि कांग्रेस ने स्वयं घटना कराई, लेकिन आज जो व्यक्ति पकड़ा गया, सबके सामने है। सिंघवी ने कहा कि हमने तो 50-60 साल में वह नहीं किया, अभी तो आप बच्चे हो दस साल शासन करो, अभी सींग क्यों निकल गए हैं। कांग्रेस मुक्त या विपक्ष मुक्त भारत का जुमला लोकतांत्रिक नहीं है। यह द्वेष, प्रतिशोध वाली राजनीति का प्रमाण है।
राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों के लिए भी पहली बार कहा गया कि दिल्ली पहली बार कांग्रेस मुक्त हुई है। टारगेटेड प्रतिशोध की राजनीति सिंघवी ने कहा कि इस समय टारगेटेड प्रतिशोध की राजनीति के शिकार लालू यादव, शिवकुमार, ममता दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राजस्थान की सिंधिया, छत्तीसगढ़ के सीएम के पुत्र और मप्र का व्यापमं नहीं दिखता। शिवकुमार के मंत्री की होटल में गुजरात के विधायकों के ठहरने और आईटी के छापे महज संयोग नहीं है। कांग्रेस ऐसी गीदड़ भभकी से डरने वाली नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आज हमारी विदेश नीति स्पष्ट नहीं है। वफादार मित्र देशों से संबंध पहले से अच्छे नहीं हैं और नए मित्र देश बना रहे हैं, जिनके साथ झूले पर बैठते हैं और उसी दिन से चीन की सीमा पर अशांति बनी हुई है। राहुल गांधी के चीनी राजदूत से बात करने पर उन्होंने कहा कि सरकार घोषित कर दे कि चीन से बात करना राष्ट्र विरोधी है, जिस दिन राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से बात की उसी दिन भारत सरकार के दो मंत्री चीन में थे।
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