दिल्ली गैंगरेप: पीड़िता के इलाज में हुई ये भारी लापरवाही
वसंत विहार गैंगरेप की शिकार पीड़िता के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूचना के अधिकारी आरटीआइ के तहत यह बात सामने आई है कि सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम में हार्ट व न्यूरो के डॉक्टर नहीं थे। जबकि पीड़िता को इससे संबंधित गंभीर बीमारियां हो गई थीं।
नई दिल्ली [जासं]। वसंत विहार गैंगरेप की शिकार पीड़िता के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूचना के अधिकारी आरटीआइ के तहत यह बात सामने आई है कि सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम में हार्ट व न्यूरो के डॉक्टर नहीं थे। जबकि पीड़िता को इससे संबंधित गंभीर बीमारियां हो गई थीं। हार्ट अटैक अंतत: उसकी मौत का कारण बना।
आरटीआइ कार्यकर्ता देव आशीष भट्टाचार्य ने गत 20 दिसंबर को गृह मंत्रालय में आरटीआइ दायर किया था। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार ने पीड़िता के इलाज के लिए देशभर के बेहतरीन डॉक्टरों को बुलाया है? इलाज करने वाले डॉक्टरों का नाम क्या है? मंत्रालय ने जवाब के लिए इस आवेदन को एम्स रेफर कर दिया। उल्लेखनीय है कि पीड़िता का इलाज एम्स में नहीं बल्कि सफदरजंग अस्पताल में हुआ था। मंत्रालय को इसकी जानकारी देते हुए एम्स ने आवेदन वापस भेज दिया।
बाद में 15 जनवरी को सफदरजंग अस्पताल ने बताया कि एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख एम्स सर्जरी विभाग के हेड के प्रो. एमसी मिश्रा और जीबी पंत अस्पताल के गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल सर्जन प्रो. अनिल अग्रवाल को इलाज के लिए बुलाया गया था। इसके अलावा अस्पताल के सर्जरी विभाग के कंसलटेंट व सर्जन डॉ. सुनील कुमार व वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजकुमार व एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. पीके वर्मा (आइसीयू प्रभारी) ने इलाज किया। डॉक्टरों की टीम में हार्ट व न्यूरो के डॉक्टरों का नाम नहीं है। इससे साफ है कि इलाज में उनकी मदद नहीं ली गई।
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