'नीलभस्मी' सिर्फ एक मिनट में कर देता है कोरोना वायरस का सफाया, इस तरह करता है काम
नीलभस्मी सिर्फ एक मिनट में कोरोना वायरस का सफाया कर देता है । इंदौर के राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरकैट) द्वारा तैयार किए गए इस उपकरण की मदद से इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल परिसर को सैनिटाइज करने की योजना बनाई जा रही है।
उदय प्रताप सिंह, इंदौर। कोविड संक्रमण के बाद किसी भी परिसर में सैनिटाइजर का छिड़काव कर उसे संक्रमण मुक्त किया जाता है लेकिन अब 'नीलभस्मी' नाम के उपकरण की पराबैंगनी किरणों से परिसरों को सैनिटाइज किया जा रहा है। इंदौर के राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरकैट) द्वारा तैयार किए गए इस उपकरण की मदद से इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल परिसर को सैनिटाइज करने की योजना बनाई जा रही है।
दो लाख रुपये की लागत से तैयार
दो लाख रुपये की लागत से तैयार होने वाले इस उपकरण का उपयोग फिलहाल दिल्ली स्थित भाभा एटामिक सेंटर के गेस्ट हाउस और इंदौर में आरआर कैट परिसर सहित दिल्ली व उत्तराखंड के 10 से अधिक निजी उद्योगों में किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस उपकरण का इस्तेमाल अस्पताल, आपरेशन थियेटर सहित अन्य स्थानों पर भी किया जा सकेगा। नीलभस्मी डिवाइस को आरआर कैट ने तैयार किया और रिसर्च इंडिया द्वारा व्यावसायिक उपयोग के लिए इसकी कई मशीनें तैयार कर संस्थानों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
इस तरह करता है काम
डिवाइस में आठ यूवी लैंप लगाए गए हैं, जिससे 928 वाट प्रति सेंटीमीटर वर्ग क्षेत्र में अल्ट्रा वायलेट किरणें निकलती हैं। इससे एक मिनट में एक मीटर क्षेत्र सैनिटाइज हो जाता है। इसमें लगे यूवी लैंप की उम्र नौ हजार घंटे होती है, इसके बाद इन्हें बदलना होता है। पिछले वर्ष सितंबर में हुआ था प्रमाणित नीलभस्मी डिवाइस का व्यावसायिक उपयोग के लिए निर्माण करने वाली कंपनी रिसर्च इंडिया का दावा है कि यह पहली मशीन है जिसका 20 कोरोना पाजिटिव सैंपल पर टेस्ट किया गया है।
कंपनी के उत्पाद प्रबंधक कुलदीप कुमार पटेल के अनुसार रई, कपड़े, लकड़ी, कांच और अन्य कई सतहों पर संक्रमण के वायरस को रखकर मशीन के माध्यम से पराबैंगनी किरणों को छोड़ा गया। हैदराबाद के ईएसआइसी मेडिकल कालेज द्वारा वहां की बायो सेफ्टी लेवल थ्री स्तर की लैब में 10 सितंबर 2020 को इस डिवाइस की जांच कर उसे प्रमाणित किया गया है। इसके बाद ही अब इसका अन्य स्थानों पर उपयोग किया जा रहा है।
इंदौर में अभी तक आरआर कैट परिसर में ही इस डिवाइस का उपयोग किया जा रहा है। इंदौर एयरपोर्ट पर इसका इस्तेमाल करने के लिए संबंध में विमानतल निदेशक से बात चल रही है। जल्द ही वहां इसका उपयोग शुरू होने की संभावना है। खाली परिसर में ही करना है इस डिवाइस का उपयोग नीलभस्मी डिवाइस का उपयोग किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किया जा सकता है। इस डिवाइस में उपयोग की जाने वाली पराबैंगनी किरणों का मानव शरीर पर बुरा प्रभाव नहीं पड़े, इसलिए खाली परिसर में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।
एक से डेढ़ माह में आरआर कैट में तैयार किया गया
इस मशीन को लाकडाउन पीरियड में एक से डेढ़ माह में आरआर कैट में तैयार किया गया था। यह एकमात्र मशीन है जिसका हैदराबाद के ईएसआइसी मेडिकल कालेज में आइसीएमआर प्रमाणित प्रयोगशाला में कोविड वायरस पर परीक्षण हुआ है। इसमें प्रमाणित हुआ है कि इससे निकलने वाली पराबैंगनी किरणों से सतह पर मौजूद कोरोना वायरस नष्ट हो जाते हैं। आरआर कैट परिसर में अलग-अलग कार्यालयों, प्रयोगशालाओं और अन्य इमारतों में इसका उपयोग किया जा रहा है।
- डा. एसके मजुमदार, हेड, लेजर बायोमेडिकल एप्लीकेशन डिवीजन, राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र, इंदौर
पराबैंगनी किरणें कोविड वायरस को खत्म कर देती हैं
बीएस लेवल थ्री लैब में प्रमाणित छह माह पहले ईएसआइसी मेडिकल कालेज की बीएस लेवल थ्री स्तर की लैब में इसका परीक्षण किया गया था। इसके परिणाम काफी सकारात्मक रहे। जांच के दौरान अलग-अलग सतहों पर कोविड वायरस के सैंपल रख उन्हें पराबैंगनी किरणों से खत्म किया। इसमें यह प्रमाणित हुआ कि पराबैंगनी किरणें कोविड वायरस को खत्म कर देती हैं।
-डा. माधुरी तरणीकांति, पूर्व विभागाध्यक्ष फिजियोलाजी, ईएसआइसी मेडिकल कालेज, हैदराबाद