सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को फिर आए धमकी भरे फोन, 26 जनवरी को दिल्ली में कश्मीर का झंडा लगाने और अनुच्छेद-370 हटाने का जिक्र
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को सोमवार को फिर विदेश से धमकी भरे फोन आए। फोन प्री-रिकार्डेड थे। इनमें 26 जनवरी को दिल्ली में कश्मीर का झंडा लगाने की बात कही गई। साथ ही कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने का जिक्र था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को सोमवार को फिर विदेश से धमकी भरे फोन आए। फोन पहले से रिकार्ड किए हुए थे और उनमें कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने का जिक्र था। साथ ही 26 जनवरी को दिल्ली में कश्मीर का झंडा लगाने की भी बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आन रिकार्ड (एओआर) को विदेश से धमकी भरे फोन आने का यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी तीन बार ऐसे फोन आ चुके हैं।
हालांकि, सोमवार को आया फोन मुजाहिदीन की बात कर रहा था और उर्दू में आए फोन काल में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की भी बात कही गई थी। सोमवार का फोन भी वकील विष्णु शंकर जैन को आया था। इससे पहले के तीन फोन भी विष्णु को आ चुके हैं। विष्णु ने बताया कि आज के फोन में कहा गया था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की जितनी जिम्मेदारी मोदी सरकार की है, उतनी ही सुप्रीम कोर्ट की है। फोन डेनमार्क से आया था। इसमें 26 जनवरी को दिल्ली में कश्मीर का झंडा लगाने की बात कही गई थी।
साथ ही कश्मीर की आजादी को लेकर भी धमकी दी गई थी। विष्णु ने पहले ही धमकी भरे फोन आने की शिकायत पुलिस को दे रखी है और पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है। पहले के तीन फोन प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस की ओर से आए थे, लेकिन सोमवार का फोन अलग था। हालांकि, यह फोन भी पहले से रिकार्डेड था। एडवोकेट आन रिकार्ड वकील सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल करने के लिए अधिकृत होते हैं और एडवोकेट आन रिकार्ड परीक्षा सुप्रीम कोर्ट ही कराता है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक की जांच के लिए सर्वोच्च अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित कर चुका है। इसमें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिरीक्षक, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को शामिल किया गया है।