सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दोषी कोरोना संक्रमित को नहीं दी जमानत, जानें क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दोषी कोरोना संक्रमित को नहीं दी जमानत जानें क्या कहा
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में दोषी और सजा काट रहे कोरोना संक्रमित पूर्व पार्षद महेंद्र सिंह यादव को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज से रिश्तेदारों को मिलने की इजाजत नहीं है ऐसे में केवल हिरासत में होने के आधार पर इस तरह की रियायत नहीं दी जा सकती। दिल्ली हाईकोर्ट ने महेंद्र सिंह यादव को सज्जन कुमार के साथ मामले में दोषी ठहराते हुए दस साल के कैद की सजा सुनाई थी। यादव फिलहाल कोरोना संक्रमित होने के कारण दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यादव की अंतरिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें विशेष तौर पर इलाज ठीक से नहीं मिलने के भी आरोप नहीं लगाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यादव की ओर से बीमारी के वक्त रिश्तेदारों के मिलने की दी गई दलील खारिज करते हुए कहा कि यह तय प्रक्रिया है कि कोरोना संक्रमित से रिश्तेदारों को नहीं मिलने दिया जाता है। ऐसे में याचिकाकर्ता के केवल हिरासत में होने के कारण अलग व्यवस्था नहीं दी जा सकती है।
इससे पहले यादव की ओर से पेश वकील ने अंतरिम जमानत की गुहार लगाते हुए कहा था कि यादव 72 साल के हैं और उन्हें मधुमेह एवं अन्य कई बीमारियां हैं। यही नहीं अब वह जेल में कोरोना संक्रमित भी हो गए हैं। वे पिछले एक साल पांच महीने से जेल में हैं। कोर्ट उनकी बीमारी और संक्रमण को देखते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दे ताकि उनके घर वाले उनकी बेहतर देखभाल कर सकें और उनके रिश्तेदार उनसे मिल सकें।