आम्रपाली की मनमानी से SC खफा, कहा- चालाकी न दिखाओ वरना तुम्हें कर देंगे बेघर
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर और निदेशकों को चेतावनी दी कि वह कोर्ट से चालाकी करने का प्रयास न करें या फिर वह गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। फ्लैट खरीदारों से करोड़ो रुपये लेने के बावजूद उन्हें घर न देने वाले आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बेहद सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर को चेतावनी देते हुए कहा कि वह या तो फ्लैट खरीदारों को घर दे दे, नहीं तो हम (सुप्रीम कोर्ट) तुम्हें बेघर कर देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिल्डर या तो फ्लैट खरीदारों को उनके घर दे दे, नहीं तो कोर्ट उनके सभी फ्लैट और संपत्तियों को बेचकर अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए फंड की व्यवस्था करेगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर और निदेशकों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि वह कोर्ट से चालाकी करने का प्रयास न करें या फिर वह गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सभी निदेशकों और मालिकों को आदेश दिया है कि वह 15 दिन के अंदर अपनी सभी चल-अचल संपत्तियों व अन्य कीमती चीजों का ब्यौरा कोर्ट को उपलब्ध कराएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली से कहा कि वह एक विस्तृत प्रस्ताव कोर्ट को सौंपें। इसमें उन संपत्तियों की जानकारी दी जाए, जिसे बेचकर बिल्डर के अधूरे पड़े सभी रिहायशी प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए 4000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकें। कोर्ट ने कहा कि होम बायर्स अब एक भी पैसा नहीं देंगे। कंपनी और निदेशकों की संपत्ति बेचकर अधूरी परियोजनाओं के लिए पैसा एकत्र किया जाएगा। ये सख्त टिप्पणियां न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने आम्रपाली की परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने वाले होम बायर्स की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कीं।
इस दौरान आम्रपाली के वकील गौरव भाटिया ने कहा कि कंपनी 6119 करोड़ रुपये एकत्र कर सकती है उसमें से कुछ रकम होम बार्यस से भी लेने की बात थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि होम बायर्स एक भी पैसा नहीं देंगे। कंपनी ने उन्हें फ्लैट देने में देरी की है। इसलिए कंपनी उसका भुगतान भुगतेगी।
सिलीकान सिटी और जोडियाक टावरों की बिजली जोड़ने का दिया आदेश
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट को बताया गया कि आम्रपाली के बिजली बिल न भरने के कारण सिलीकान सिटी और जोडियाक प्रोजेक्ट के कुछ टावरों की बिजली काट दी गई है तो कोर्ट ने बिजली कंपनियों को तत्काल बिजली जोड़ने का आदेश दिया। इसके अलावा आम्रपाली से कहा है कि वह परियोजनाओं में मेंटीनेंस देख रही कंपनियों और उसके लिए एकत्र किये गए पैसे के अलावा बिजली कंपनी के बकाये का सारा ब्योरा कोर्ट में पेश करे।
तीन अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के 42000 फ्लैट खरीदारों को दी थी राहत
इससे पहले तीन अगस्त को आम्रपाली के खिलाफ सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर के रिहायशी प्रोजेक्टों में घर बुक कराने वाले 42000 फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर के सभी अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) को सौंप दी थी। कोर्ट ने एनबीसीसी से एक महीने में परियोजनाओं को पूरा करने की समयबद्ध योजना मांगी थी। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर को आदेश का पालन न करने पर कड़ी फटकार लगाई थी।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर को दी कड़ी चेतावनी
दो अगस्त को मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की सभी 40 कंपनियों के खाते सीज करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर से सभी कंपनियों और सभी निदेशकों के खाते और संपत्तियों का ब्योरा मांगा था। हालांकि आम्रपाली ने 40 में से 38 कंपनियों के खातों का ब्योरा ही कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद कोर्ट ने सोमवार (6 अगस्त) तक कंपनी के सभी निदेशकों के खातों का भी ब्योरा मांगा था। अब तक खातों का ब्यौरा न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिल्डर को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट कई बार आम्रपाली ग्रुप की सभी कंपनियों के खातों का ब्योरा और निदेशकों के खातों व संपत्तियों का ब्योरा मांग चुका है। बार-बार आदेश देने के बाद भी बिल्डर द्वारा जानकारी उपलब्ध न कराने पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी चेतावनी दी है।
सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों का भी नहीं किया पालन
बता दें कि इसी साल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली ग्रुप ने होम बायर्स के 2765 करोड़ रुपये दूसरे कामों में ट्रांसफर कर दिए हैं। कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को आदेश दिया कि वो 250 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करे। ऐसा नहीं करने पर कोर्ट ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में लोग रह रहे हैं, वहां बेसिक सुविधाएं पूरी करें। आम्रपाली ने इस आदेश का भी पालन नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की 16 परियोजनाओं को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया था। उस पर भी आम्रपाली की तरफ से कोई पालन नहीं हुआ।
देश छोड़ने पर लगा रखी है रोक
हजारों खरीदारों के करोड़ों रुपये हड़प कर बिल्डर विदेश न भाग जाए, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट पहले ही आम्रपाली के प्रमोटरों को देश छोड़कर न जाने का आदेश चुका है। साथ ही रियल एस्टेट कंपनी से 2008 से लेकर अब तक के उसके सभी प्रोजेक्ट्स की विस्तृत वित्तीय जानकारी भी मांग चुका है।