Nirbhaya Case: नया डेथ जारी करने के लिए ट्रायल कोर्ट में अपील कर सकता है तिहाड़ जेल प्रशासन
Nirbhaya Case केंद्र सरकार निर्भया के चारों दोषयों को फांसी देने के लिए तर्क दे रही है कि वह अपने सभी कानूनी और संवैधानिक उपायों का प्रयोग कर चुके हैं।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। 2012 Delhi Nirbhaya Case : निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान जस्टिस भूषण ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि जब आपका चार्ट यह दर्शा रहा है कि तीन दया याचिका खारिज हुई है और दोषी पवन गुप्ता ने अभी दया याचिका दायर नहीं की है। ऐसे क्यों नया डेथ वारंट जारी करने के लिए याचिका दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में निर्भया के दोषियों को कानूनी विकल्प अपनाने के लिए दी गई 1 सप्ताह की समय सीमा समाप्त होने पर तिहाड़ जेल अथॉरिटी को नया डेथ वारंट जारी कराने के लिए ट्रायल कोर्ट में अर्जी देने की छूट दी। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है।
अब निर्भया के दोषियों को फांसी देने के मामले में दाखिल केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 13 फरवरी को फिर सुनवाई करेगा।
सुनवाई के दौरान निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी किया, हालांकि कोर्ट ने साफ किया की इस याचिका के लंबित रहने का, ट्रायल कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वहीं, बचाव दल के वकील एपी ने सिंह ने कहा कि दोषी विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा अस्वीकार की गई दया याचिका को चुनौती दी गई है।
कोर्ट ने पिछले सुनवाई में (7 फरवरी) निर्भया के चारों दोषियों (अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को अलग-अलग फांसी देने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस जारी करते हुए कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट का एक हफ्ता का दिया हुआ समय 11 फरवरी को समाप्त हो रहा है, ऐसे में 11 फरवरो को मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी दोषियों से अपने सभी कानूनी विकल्पों को एक सप्ताह के भीतर इस्तेमाल करने के लिए कहा था।
जानिए अहम बातें
- पिछली सुनवाई में केंद्र सरकारी की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि देश के लोगों का धैर्य आजमाया जा रहा है। उन्होंने तर्कों के साथ कहा कि क्या उस समय प्रशासन को सभी दोियों के विकल्प खत्म होने के लिए कहा जा सकता है जब दोषी पवन ने 2018 में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद कोई याचिका ही दाखिल नहीं की है।
- इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार की उस याचिका का खारिज कर दिया, जिसमें चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की अपील की गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर सुनवाई की अपील की है।
- हाई कोर्ट ने Delhi prison Manual का हवाला देते हुए कहा था कि सभी दोषियों को एकसाथ फांसी दी जाएगी, न कि अलग-अलग। नियमानुसार एक ही अपराध में सभी दोषियों को एकसाथ ही फांसी देने का प्रावधान है।
- केंद्र सरकार निर्भया के चारों दोषयों को फांसी देने के लिए तर्क दे रही है कि वह अपने सभी कानूनी और संवैधानिक उपायों का प्रयोग कर चुके हैं।