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क्या देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री से उठेगा पर्दा? सीबीआइ की याचिका SC में स्वीकार

देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो चुके नोएडा के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 12:47 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 01:53 PM (IST)
क्या देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री से उठेगा पर्दा? सीबीआइ की याचिका SC में स्वीकार
क्या देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री से उठेगा पर्दा? सीबीआइ की याचिका SC में स्वीकार

नई दिल्ली (जेएनएन)। आरुषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश व नूपुर तलवार को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआइ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। तलवार दंपती को अपनी बेटी आरुषि व घरेलू नौकर हेमराज की हत्या मामले में गाजियाबाद की सीबीआइ कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने दोनों को आरोपमुक्त कर दिया था। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

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जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीबीआइ की याचिका के साथ हेमराज की पत्नी की लंबित याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। हेमराज की पत्नी ने भी हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने को चुनौती दी है। सुनवाई करने वाली पीठ में जस्टिस नवीन सिन्हा व जस्टिस केएम जोसेफ भी शामिल हैं। सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने हेमराज की पत्नी की याचिका का उल्लेख किया। इसके बाद पीठ ने कहा कि जांच एजेंसी की अपील को इसके साथ जोड़ा जाए।

बता दें कि नोएडा सेक्टर-25 के जलवायु विहार स्थित तलवार के आवास के एक कमरे में मई 2008 में 14 वर्षीय आरुषि मृत पाई गई थी। उसका गला रेता गया था। पहले लापता 45 वर्षीय नौकर हेमराज पर संदेह किया जा रहा था, लेकिन दो दिन बाद उसका शव भी घर की छत पर मिला था। तत्कालीन सीएम मायावती ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंपने की सिफारिश की थी।

यहां पर बता दें कि तलवार दंपती के घरेलू नौकर हेमराज की पत्नी खुुुमकला और जांच एजेंसी सीबीआइ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा पिछले साल तलवार दंपती को संदेह का लाभ देते हुए रिहा करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके अलावा एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने भी मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई शुरू की और आगे भी एक साथ ही सुनवाई करेगा। 

यहां पर बता देें कि शुक्रवार को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरुषि तलवार और नेपाली मूल के नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में दंत चिकित्सक डॉ. राजेश तलवार और उनकी पत्नी डॉ. नूपुर तलवार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। इससे पहले गाजियाबाद की सीबीआइ कोर्ट ने नवंबर 2013 में तलवार दंपती को उनकी बेटी और नौकर की हत्या मामले में आरोपी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनवाई थी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा तलवार दंपती को बरी किए जाने के बाद सबसे पहले जनवरी-2018 में नेपाल में रह रही हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने मामले में अपने पति हेमराज के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग करते हुए अपने लिए इंसाफ की मांग की है। खुमकला बंजाडे के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद सीबीआइ ने भी मार्च-2018 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। 

तलवार दंपती ने सुप्रीम कोर्ट जाने से कर दिया था मना
हाई कोर्ट के आदेश पर जेल से रिहा होने के बाद तलवार दंपती नोएडा के सेक्टर-25 जलवायु विहार स्थित आरुषि के नाना के घर पहुंचे थे। यहां मीडिया से बात करते हुए राजेश तलवार ने कहा था कि उन्होंने इंसाफ की इस लड़ाई में बहुत दुख झेला है। इसके अलावा भी उनकी परिवार के लिए जिम्मेदारी है। लिहाजा वह अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे। मालूम हो कि इससे पहले तक तलवार दंपती हमेशा कहते रहे हैं कि वह बेटी आरुषि और हेमराज के हत्यारे को सजा दिलाने और इंसाफ पाने के लिए अंतिम दम तक कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। 


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