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फ्रैंचाइज रैकेट की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके कथित फ्रेंचाइजी गिरोह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कई एजेंसियों से जांच कराए जाने की गुजारिश की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 08:54 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 01:52 AM (IST)
फ्रैंचाइज रैकेट की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार, जानें पूरा मामला
फ्रैंचाइज रैकेट की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली, पीटीआइ। एक कथित फ्रेंचाइजी रैकेट में कई एजेंसियों से जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। 38 व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्हें वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड ने धोखा दिया है, जिसने हाइपर सुपरमार्केट, हाइपर मार्ट आदि के नाम से कंपनियां बनाई थी।

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याचिकाकर्ताओं ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एसएफआइओ (गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय) या विशेष जांच दल द्वारा मनी लांड्रिंग और निदेशकों और लाभार्थ‍ियों द्वारा काला धन जमा करने सहित विभिन्न अपराधों की जांच की मांग की है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने तीन लाख रुपये की फ्रैंचाइज फीस एकत्र की और कुछ भुगतान का आश्वासन दिया। हालांकि, कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान भुगतान नहीं किया। इसने मई में यह कहते हुए एक ईमेल भेजा कि वह अप्रत्याशित परिस्थितियों के चलते अनुबंध को पूरा करने में समर्थ नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि यह एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि सोची-समझी साजिश के तहत निदेशकों ने याचिकाकर्ताओं को धोखा दिया और उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली। याचिका में कहा गया है कि कंपनी ने 500 निवेशकों को आकर्षित किया। याचिका के मुताबिक कंपनी लॉकडाउन के दौरान भुगतान कर पाने में नाकाम रही।

आरोप है कि कंपनी ने मई में भेजे अपने ई-मेल में कहा कि वह समझौते में उल्लेखित एक विशेष प्रावधान को लागू कर रही है जो अनुबंध को पूरा करने से उसे राहत देता है। याचिका में कहा गया है कि इससे व्यापक नुकसान हुआ क्योंकि एक सुनियोजित साजिश के तहत निदेशकों, साझेदारों और कर्मचारियों ने याचिकाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी की।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने बेईमानी कर उन्हें उनकी गाढ़ी कमाई देने के लिए प्रेरित किया। गौरतलब है कि ‘फ्रेंचाइजी धोखाधड़ी’ के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, दर्जनों लोगों से कथित तौर पर 30 करोड़ रुपए की ठगी की गई थी।

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