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एनसीआर होगा जल्दी ही दुनिया का सबसे बड़ा कैपिटल रीजन, केंद्र सरकार ने परियोजनाओं से जुड़ी बताईं खास बातें

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में अब तक कुल 366 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई हैं जिनमें से 269 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं। जबकि 97 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन सभी 366 परियोजनाओं की कुल लागत 31853 करोड़ रुपये आंकी गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 09:46 PM (IST)
एनसीआर होगा जल्दी ही दुनिया का सबसे बड़ा कैपिटल रीजन, केंद्र सरकार ने परियोजनाओं से जुड़ी बताईं खास बातें
एनसीआर का दायरा उत्तरोत्तर बढ़ रहा है, जो कभी 30 हजार वर्ग किमी तक था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की 39वीं बैठक में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का बढ़ता दायरा उसे जल्दी ही दुनिया का सबसे बड़ा 'राजधानी क्षेत्र' बना देगा। एनसीआर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में कई बड़ी परियोजनाएं जुड़ गई हैं। इनमें नोएडा से ग्रेटर नोएडा मेट्रो प्रोजेक्ट, जयपुर में द्रव्यवती नदी का पुनरोद्धार, गाजियाबाद में 52 किमी लंबाई का सिक्स लेन एलीवेटेड रोड और केएमपी एक्सप्रेस वे प्रमुख हैं। एनसीआर का दायरा उत्तरोत्तर बढ़ रहा है, जो कभी 30 हजार वर्ग किमी तक था, वह वर्तमान में बढ़कर 55 हजार वर्ग किमी की सीमा को भी पार कर गया है।

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हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को यहां कहा कि बोर्ड दो रेसीप्रोकल कॉमन ट्रांसपोर्ट एग्रीमेंट (RCTA) के माध्यम से बसों, टैक्सियों आदि के लिए पारस्परिक काउंटरों के परमिट की एक प्रणाली को 'कांट्रैक्ट कैरिज' और 'स्टेज कैरिज' के लिए, औपचारिक रूप देकर एनसीआर में यातायात के निर्बाध आवाजाही के लिए प्रणालियों के विकास की सुविधा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पर एनसीआर में भागीदार राज्य सरकारों के बीच एक दशक पहले हस्ताक्षर किए गए थे। क्षेत्रीय योजना की व्यापक नीतियों और प्रस्तावों को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए यह जरूरी है कि उप-क्षेत्रीय योजनाओं को एनसीआर के राज्य तैयार करें।

एनसीआर का तेजी से बढ़ा दायरा और इंफ्रास्ट्रक्टर भी हुआ डेवलपमेंट

एनसीआर की बढ़ती आबादी वर्ष 2030 तक विश्व की किसी भी कैपिटल रीजन से अधिक हो जाएगी। यहां की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 5.81 करोड़ थी। लेकिन जिस रफ्तार से एनसीआर का दायरा बढ़ा और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हुआ, उससे तो यहां की आबादी बहुत अधिक हो चुकी होगी। अगले एक दशक में यह क्षेत्र आबादी के लिहाज से भी बहुत बड़ा हो जाएगा। इसके मद्देनजर अगले 20 सालों के हिसाब से वर्ष 2041 के लिए एनसीआर का जो मास्टर प्लान बनाया जा रहा है, उसके समक्ष बहुत बड़ी चुनौतियां होंगी। पुरी ने कहा कि यह हमारे लिए एक अवसर भी है कि आने वाले दिनों को कैसे बेहतर बनाया जाए। इसमें एनसीआर से संबद्ध सभी राज्यों और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है ताकि समग्र योजनाएं बनाकर उस पर समय से अमल किया जा सके।

अब तक 366 परियोजनाओं को दी गई मंजूरी 

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में अब तक कुल 366 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई हैं, जिनमें से 269 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं। जबकि 97 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन सभी 366 परियोजनाओं की कुल लागत 31853 करोड़ रुपये आंकी गई है। पुरी ने बोर्ड की भूमिका को अहम बताते हुए एनसीआर में ट्रैफिक सिस्टम को सहज बनाने पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों के बीच सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने की दिशा में राज्यों को बढ़कर आगे आना होगा। परस्पर तालमेल से इन वाहनों के आगमन को बेहतर बनाने पर जोर दिया। कॉमन ट्रांसपोर्ट एग्रीमेंट के साथ जमीनी हकीकत के अनुरुप कार्य करने होंगे।

बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरी विकास मंत्रियों के साथ केंद्रीय शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा और केंद्र व राज्यों के आला अफसरों ने हिस्सा लिया।

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