बेटे की शहादत के बाद छात्रों की मदद को आगे आई मां, कुछ इस तरह पूरे कर रहीं शहीद सुमित का सपना
कारगिल युद्ध में बेटे सुमित रॉय की शहादत के बाद उनकी मां सपना रॉय आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद कर बेटे के सपने को पूरा करने में जुटी हुई हैं।
नई दिल्ली, मनीषा गर्ग। कारगिल युद्ध में बेटे सुमित रॉय की शहादत के बाद आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर देश के लिए नए योद्धाओं की फौज तैयार करने में 1999 से जुटी हैं सपना रॉय। नई दिल्ली के द्वारका स्थित कारगिल अपार्टमेंट में रहने वाली सपना बताती हैं कि कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद होकर उनके बेटे ने अदम्य साहस का परिचय दिया था।
वह उनकी शहादत को व्यर्थ न करते हुए विभिन्न तरीकों से समाज के ऐसे युवा जो गरीबी के चलते शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित हैं, उनकी मदद को तत्पर रहती हैं। इसके अलावा आज सपना अपने दम पर कई परिवारों का खर्चा चला रही हैं।
बेटे की शहादत के बाद जब सपना को पेट्रोल पंप चलाने की जिम्मेदारी मिली, तभी उन्होंने यह तय कर लिया था कि वह पेट्रोल पंप से होने वाली कमाई व सुमित की पेंशन का आधा हिस्सा युवाओं को आगे बढ़ाने में खर्च करेंगी। सपना बताती हैं कि सुमित हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहता था। बेटे के इस शौक को वह आगे ले जाना चाहती हैं।
कई युवाओं को दी नौकरी
रोहिणी सेक्टर-24 में वह पेट्रोल पंप चलाती हैं। यहां कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी का ध्यान रखना उनकी जिम्मेदारी है। कर्मचारियों की सभी जरूरतों को पूरा करने में वह कोई कमी नहीं छोड़तीं। पेट्रोल पंप पर उन्होंने कई ऐसे युवाओं को नौकरी दी है, जिन्हें आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उन्हें नौकरी देकर आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ ही पढ़ाई करने के लिए भी प्रेरित करती हैं, ताकि भविष्य में वे बड़ी नौकरी व उपलब्धि प्राप्त कर सकें।
अनाथ बच्चों को भी संभालने की जिम्मेदारी
वर्तमान में उनके पेट्रोल पंप पर एक युवती राधा आर्या कार्यरत हैं, जिसने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण 12वीं में पढ़ाई छोड़ दी। आज यह युवती न सिर्फ पेट्रोल पंप पर काम कर अपने परिवार की जिम्मेदारी को संभाल रही है, बल्कि स्नातक के बाद अब मास्टर की डिग्री भी ले चुकी है। छत गिरने से माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुए तीनों बच्चों को संभालने के लिए भी सपना ने पहल की थी। उत्तराखंड, गढ़वाल में एक शहीद के परिवार के पालन-पोषण व उनके बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी सपना ने अपने मजबूत कंधों पर ले रखी है।
आत्मनिर्भर बनने के लिए करती हैं प्रेरित
सपना सक्षम भारती संस्था से भी जुड़ी हुई हैं। जिसके विकास नगर, रघुबीर नगर, द्वारका व नोएडा में सेंटर हैं। यह संस्था युवाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग, इंग्लिश स्पीकिंग, कंप्यूटर ट्रेनिंग में निपुण बनाती है, ताकि जो युवा शिक्षा में कमजोर हैं वे अपने मन मुताबिक ट्रेनिंग को प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनें।
इस संस्था के माध्यम से कई महिलाओं ने अपना स्वयं का कारोबार शुरू कर दिया है तो कई आज नौकरी कर रही हैं। इसके अलावा पालम स्थित शहीद कैप्टन सुमित रॉय सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर-2 में हर साल सपना 11वीं व 12वीं के ऐसे छात्र-छात्राओं को 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देती हैं जो शिक्षा जगत में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।