Move to Jagran APP

मेट्रो ने एक साल में क्यों गंवा दिए 8 करोड़ से ज्यादा यात्री, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि किराया बढ़ाने के बाद साल भर में मेट्रो में 8,18,21,000 यात्री कम हो गए, लेकिन कमाई बढ़ गई।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 04:57 PM (IST)
मेट्रो ने एक साल में क्यों गंवा दिए 8 करोड़ से ज्यादा यात्री, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट
मेट्रो ने एक साल में क्यों गंवा दिए 8 करोड़ से ज्यादा यात्री, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

नई दिल्ली (रणविजय सिंह]। मेट्रो किराये में भारी भरकम बढ़ोत्तरी की मार यात्रियों की जेब पर पड़ी है। इस वजह से मेट्रो में यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले कम हो गई, लेकिन कमाई के मामले में दिल्ली मेट्रो मालामाल हुई है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि किराया बढ़ाने के बाद साल भर में मेट्रो में 8,18,21,000 यात्री कम हो गए। फिर भी मेट्रो की तिजोरी में राजस्व की कमी नहीं हुई, बल्कि परिचालन से कमाई में 38.93 फीसद की भारी भरकम बढ़ोत्तरी करते हुए अपना घाटा कम करने में काफी हद तक सफल हुई।

loksabha election banner

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017-18 में दिल्ली मेट्रो को 6,211.05 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें यात्री किराया के अलावा रियल ई-स्टेट, कंसल्टेंसी व बाहरी परियोजनाओं से प्राप्त राजस्व शामिल है। इस राजस्व में डीएमआरसी का कुल 4,375.34 करोड़ खर्च काटने के बाद मेट्रो 1835.71 करोड़ रुपये फायदे में रही।

यह अलग बात है कि मेट्रो परियोजनाओं के लिए जापान की एजेंसी से लिए गए लोन व अन्य सभी तरह की देनदारी भरने के बाद कुल 93.14 करोड़ का घाटा हुआ। इसके पिछले वित्त वर्ष में मेट्रो 248 करोड़ रुपये के घाटे में थी। इसकी भरपाई करने के लिए ही किराये में 100 फीसद तक की बढ़ोत्तरी की गई थी।

परिचालन से 848.26 करोड़ की अधिक कमाई

डीएमआरसी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017-18 में मेट्रो को परिचालन से 3027.26 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। इसके पिछले वित्त वर्ष में परिचालन से 2179 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इस तरह मेट्रो परिचालन से डीएमआरसी को 848.26 करोड़ की अधिक आमदनी हुई, जबकि इससे पहले किराया कम होने के बावजूद परिचालन से राजस्व में हर साल छह से 11 फीसद तक की बढ़ोत्तरी होती थी। इसका बड़ा कारण मेट्रो में हर साल यात्रियों की संख्या बढ़ना था।

दूसरे स्रोतों से नहीं बढ़ पाई आमदनी

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय डीएमआरसी को निर्देश दे चुका है कि मेट्रो राजस्व बढ़ाने के अन्य विकल्प तलाशे। इसके बावजूद अन्य स्रोतों से राजस्व में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई है, बल्कि कंसल्टेंसी शुल्क व बाहरी परियोजनाओं से कमाई कम ही हुई। बाहरी परियोजनाओं से 2331.02 करोड़ रुपये का राजस्व मिला जो पिछले वित्त वर्ष से 124.98 करोड़ रुपये कम है। यदि मेट्रो में यात्रियों की संख्या कम न हुई होती और बाहरी परियोजनाओं से राजस्व नहीं घटता तो 93.14 करोड़ रुपये के घाटे की भी भरपाई कर मेट्रो मुनाफे की पटरी पर रफ्तार भर रही होती।

तीन साल में सबसे कम यात्री

वर्ष 2017-18 में मेट्रो में कुल 9260.69 लाख यात्रियों ने सफर किया। यह तीन साल में सबसे कम आंकड़ा है। गत वर्ष मेट्रो में 10,078.90 लाख लोगों ने सफर किया था।

दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.