Weather Alert: बंगाल की खाड़ी में फनी साइक्लोन का खतरा, UP-राजस्थान में चलेगी लू
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में धूल भरी आंधी चलेगी। कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ बौछार होगी।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Weather Update: तेज धूप और भीषण गर्मी झेल रहे दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत के लोगों के लिए अगले कुछ दिन मुसीबत भरे साबित होने वाले हैं। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के पूर्वामुमान के मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत में कोई भी मौसमी गतिविधि नहीं होने के चलते दक्षिणी पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लू जैसे स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। राजस्थान और दिल्ली में लू का प्रकोप और बढ़ जाएगा, जिससे लोगों को परेशानी होगी।
भारतीय मौसम विभाग ने के मुताबिक, हिंद महासागर और दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में बना दबाव वाला क्षेत्र गहराकर उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है। इस बीच अगले कुछ घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान और फिर प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। मछुआरों को रविवार को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। क्षेत्रीय चक्रवात चेतावनी केंद्र के निदेशक एस. बालचंद्रन ने के मुतातिबक फनी चक्रवाती तूफान के अगले कुछ घंटों में एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है।
वहीं, विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि अगले दो दिनों में भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में हवा की रफ्तार बढ़कर अधिकतम 145 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इन क्षेत्रों के समुद्र में काफी ऊंची लहरें उठती देखी गईं।
बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन का खतरा
वहीं, मौसम विभाग के एक और पूर्वानुमान के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन का खतरा अब भी मंडरा रहा है। यहां पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है जो तेजी से मजबूत हो रहा है। ऐसे में उम्मीद है 27 तारीख यानी शनिवार को यह एक साइक्लोन में तब्दील हो जाएगा। इस साइक्लोन का नाम फनी होगा।
मौसम विभाग ने भी चक्रवाती तूफान फनी को लेकर केरल में रेड अलर्ट जारी किया है। हिंद महासागर और उससे सटे बंगाल की खाड़ी में कम दबाव क्षेत्र से बने फनी चक्रवात से केरल के तटवर्ती इलाकों में भीषण तूफान के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। मछुआरों से समुद्र से दूर रहने को कहा गया है। तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटवर्ती क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के सुदूर पूर्वी इलाके में कम दबाव क्षेत्र के चलते उठे चक्रवाती तूफान के कुछ दिनों में दक्षिण भारत के तटवर्ती इलाकों से टकराने की संभावना है। इसको देखते हुए विभाग ने 28 अप्रैल को तटवर्ती तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश की संभावना जताई है। वहीं, इन इलाकों में 30 अप्रैल और एक मई को भारी और अत्यंत भारी बारिश की भविष्यवाणी भी की है।
बंगाल की खाड़ी के साथ ही हिंद महासागर के पूर्वी भूमध्यवर्ती इलाके में भी कम दबाव क्षेत्र बना है। अगले चौबीस घंटे में इसके और गहराने की आशंका है। मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान तेजी से केरल की तरफ बढ़ रहा है। अभी उसकी गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जिसके 30 अप्रैल तक बढ़कर 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे होने की संभावना है। विभाग के मुताबिक 29 अप्रैल के बाद समुद्र खतरनाक रूप ले सकता है।
वहीं, मौसम में संभावित बदलाव के चलते उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में धूल भरी आंधी चल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, हिंद महासागर में हवा के कम दबाव और बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी इलाके उठे तूफान की वजह से तेजी से वातावरण में बदलाव आएगा। इससे 65 किलोमीटर तक की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इससे न केवल आसपास के राज्यों, बल्कि उत्तर भारत भी प्रभावित होगा।
मौसम विभाग के मुताबिक, इससे पश्चिम बंगाल के अलावा, असल, सिक्किम के साथ हिमाचल से निचले इलाके हवा की रफ्तार तेज होगी। इससेक साथ पश्चिम बंगाल सहित उत्तर पूर्व के कुछ इलाकों में आंधी के साथ बारिश की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में धूल भरी आंधी चलेगी। कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ बौछार होगी।
बता दें कि मौसम विभाग पहले ही पूर्वानुमान जता चुका था कि तेज गर्मी और धूप से परेशान दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम एक बार फिर करवट ले सकता है। मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ घंटों के अंदर तमिलनाडु और पोंडिचेरी में में तेज बारिश हो सकती है। इसके पीछे हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में हवा का दबाव कम होना है। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के वैज्ञानिकों के मुताबिक, दक्षिणी राज्यों में भी हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में हवा का कम दबाव बनने के कारण बारिश और तूफान आ सकता है।
मौसम विभाग आने वाले दिनों में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में आंधी-तूफान और बूंदाबांदी की संभावना भी जता रहा है। इतना नहीं, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से जम्मू कश्मीर तक मौसम खराब होने की संभावना भी जताई गई है।
वहीं, आने वाले दिनों में तापमान में इजाफा होगा और जल्द ही दिल्ली, हरियाणा, यूपी, बिहार, राजस्थान और पंजाब में लू भी चलने लगेगी। मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख बी पी यादव के मुताबिक, मध्य प्रदेश समेत कई राज्य अभी से लू की चपेट में है। यहां पर गर्म हवाएं झुलसा देने वाली हैं।
ब्लॉक स्तर पर भी मौसम का पूर्वानुमान जारी करेगा विभाग
मौसम पर निर्भर किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही उन्हें ब्लॉक स्तर पर मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिल जाया करेगी। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार को कहा कि अगले साल से देश के सभी 660 जिलों के 6,500 ब्लॉकों के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है।
हालांकि, विभाग ने कहा है कि सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता को बढ़ाना और कृषि सलाहकार सेवाओं (एएएस) को अधिक उपयोगी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना होगा। अभी आइएमडी जिला स्तरीय एडवाइजरी जारी करता है। मौसम पूर्वानुमान और एएएस को ब्लॉक स्तर पर जारी करने के लिए इसने पिछले साल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) से समझौता किया था।
यदि विभाग इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे देता है तो इससे किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। समय पर जानकारी मिलने पर वह अपनी फसल को मौसम की मार से बचा सकते हैं। फिक्की के एक कार्यक्रम में आए आइएमडी के उप महानिदेशक एसडी अत्री ने कहा, ‘आइसीएआर के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से बहुत प्रगति हुई है। काम बहुत तेजी से चल रहा है..हम लोगों की भर्ती और उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि देश के 200 ब्लॉकों में पायलट स्टडी चल रही है। 2020 तक देश के सभी 6,500 को इसमें शामिल करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मौसम की वजह से फसलों के नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। अत्री ने कहा कि अभी जिला स्तर पर एसएमएस और एमकिसान पोर्टल के जरिए चार करोड़ किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिलती है। अगले साल तक इसे ब्लॉक स्तर पर बढ़ाकर इसमें 9.5 करोड़ किसानों को शामिल करने का लक्ष्य है। उन्होंने निजी क्षेत्र से भी इस क्षेत्र में मदद की अपील की।
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