जानें- देश के एकमात्र पुश्तैनी जल्लाद पवन सिंह ने महिला सुरक्षा पर क्या कहा
पवन ने कहा- निर्भया के सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के दोषियों को जितनी जल्दी हो उतना जल्दी फांसी पर लटका देना चाहिए।
नई दिल्ली [आइएएनएस]। Hyderabad Doctor Murder Case: हैदराबाद में महिला डॉक्टर की सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर देने का मामला सामने आने के बाद से पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। इस बीच दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने के साथ जल्द से जल्द फांसी देने की मांग तेज हो गई है। इसमें निर्भया केस के दोषी भी शामिल हैं। इस बीच देश में फिलहाल इकलौते बचे फांसी देने वाले जल्लाद पवन सिंह ने इस मुद्दे पर अपनी बेबाक टिप्पणी की है।
पवन ने कहा- 'निर्भया के सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के दोषियों को जितनी जल्दी हो उतना जल्दी फांसी पर लटका देना चाहिए। 'यह एक तरह से ऐसे अपराधियों को कड़ा संदेश होगा कि ऐसा कृत्य करने पर उन्हें भी फांसी की सजा मिलेगी।' साथ ही पवन का कहना है कि हैदराबाद में डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में भी जल्द से जल्द सजा का कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए, तभी इस तरह के भीषण अपराध कम होंगे। जब तक ऐसे अपराधियों को फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा, जब तक कानून के प्रति डर नहीं पैदा होगा।
फिलहाल मेरठ में रह रहे देश के इकलौते जल्लाद पवन का कहना है कि अगर समय पर निर्भया के दोषियों को सजा के रूप में फांसी दे दी गई होती तो हैदराबाद में डॉक्टर के साथ दरिंदगी के बाद उसकी हत्या नहीं को गई होती और उसकी जान बच जाती। निर्भया केस में फांसी में देरी के मसले पर पर जल्लाद पवन ने कहा कि दोषियों को तिहाड़ में क्यों रखा जा रहा है? ऐसे दोषियों को फांसी पर लटकाकर अन्य आपराधिक मानसिकता को लोगों को संदेश दिया जाना चाहिए। साथ ही पवन ने यह भी कहा- 'मैं निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तैयार हूं ,मुझे इसकी तैयारी के लिए एक-दो दिन चाहिए, बस। मैं एक ट्रायल दूंगा और फिर फांसी होगी।'
पवन ने अपने बारे में बताया- 'मैं जल्लादों के परिवार से आता हूं। मैं 14 पीढ़ी से हूं। मैंने पहली बार पटियाला सेंट्रल जेल में अपने दादा के साथ दो भाइयों को फांसी पर लटकाया था। वह अब तक दादा के साथ मिलकर अब तक पांच लोगों को फांसी दे चुका हूं। जब मैंने पहली बार फांसी का प्रक्रिया पूरी की थी तो मैं महज 22 साल का था, लेकिन अब मेरी उम्र 58 है।
1988 में दी थी अंतिम फांसी
पवन ने बताया कि उन्होंने अंतिम बार सेंट्रल जेल में 1988 में अपने दादा के साथ मिलकर बुलंदशहर सामूहिक और हत्या के दोषी को फांसी दी थी।
5000 रुपये प्रति माह देती है यूपी सरकार
पवन ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें प्रतिमाह 5000 रुपये मिलते हैं। शुरुआत में हमें फांसी की एवज में ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे, लेकिन अब एक फांसी पर 25000 रुपये मिलते हैं। हालांकि, इस कम राशि में परिवार का गुजारा करना मुश्किल होता है।