कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी, आइआइटी दिल्ली, एम्स ने बनाई अत्याधुनिक पीपीई किट
आइआइटी दिल्ली और एम्स ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा देने वाला पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट विकसित कर लिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के कई बड़े संस्थानों ने मिलकर कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा देने वाला पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट विकसित कर लिया है। आइआइटी दिल्ली, एम्स, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन और चेन्नई की एक्सटाइल मिल्स ने मिलकर इसे तैयार किया है। इसका इसी हफ्ते उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के कुलपति डॉ. संजय गुप्ता ने सोमवार को बताया कि पीपीई किट के प्रोटोटाइप का परीक्षण का दूसरा दौर चेन्नई के एक अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस किट के डिजाइन और उत्पादन के स्त्रोतो पर कोई बंदिश नहीं है। इसलिए कोई भी लघु या मध्यम उद्योग की फैक्ट्री इसके उत्पादन में रुचि ले सकती है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस पीपीई किट की सबसे बड़ी खूबी इसका अत्यधिक सुरक्षित होना है। इसे उतारने में कोई असुविधा नहीं होती क्योंकि इसकी ऊपरी संक्रमित सतह को छुए बगैर ही इसे आसानी से उतारा जा सकता है। इस प्रोटोकाल का ध्यान रख कर ही इस किट के प्रोटोटाइप को तैयार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के बीच देश में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त संख्या में पीपीई किट की कमी है। ऐसे में इन कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए देश में ही पीपीई के बड़े पैमाने पर उत्पादन की जरूरत है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रेलवे भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है।
रेलवे कारखानों में पर्सनल प्रोटेक्टिव ईक्विपमेंट (पीपीई), मास्क व सैनिटाइजर बनाया जा रहा है जिससे कि कोरोना संक्रमितों के इलाज, क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों की देखभाल व अन्य जरूरी सेवा में लगे लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। रेलवे का कहना है कि उसके कारखानों में इन पीपीई किट, मास्क व सैनिटाइजर बनाने के काम में तेजी लाई जा रही है।