Indian Railways: जल्द ही बंद हो जाएंगे रेलवे के प्रेंटिंग प्रेस, फैसले का विरोध कर रहे कर्मचारी
काफी पैसे खर्च करने के बाद अब प्रिंटिंग प्रेस को बंद किया जा रहा है। टिकट रेलवे पास सहित अन्य दस्तावेज छापने के लिए भारतीय रेलवे में कुल 14 प्रिंटिंग प्रेस थे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: शकूरबस्ती सहित भारतीय रेलवे के सभी प्रिंटिंग प्रेस जून के बाद इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने इन्हें 30 जून तक बंद करने का फैसला किया है। वहीं, कर्मचारी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि वर्ष 2017 में भी रेल प्रशासन ने शकूरबस्ती स्थित प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का फैसला किया था, लेकिन कर्मचारियों के विरोध के कारण रेल प्रशासन ने आदेश वापस ले लिया था। उसके बाद स्पेन से 16 करोड़ रुपये की प्रिंटिंग मशीन मंगवाई गई और 60 लाख रुपये की लागत से नई इमारत भी बनी है।
भारतीय रेलवे में कुल 14 प्रिंटिंग प्रेस
इतने पैसे खर्च करने के बाद अब इसे बंद किया जा रहा है। टिकट, रेलवे पास सहित अन्य दस्तावेज छापने के लिए भारतीय रेलवे में कुल 14 प्रिंटिंग प्रेस थे। वर्ष 2009 में इन्हें बंद करने का खाका तैयार किया गया था। एक-एक करके प्रिंटिंग प्रेस बंद किए जा रहे हैं। अब मात्र पांच प्रेस रह गए हैं।
बंद करने की अंतिम तिथि 30 जून
इस समय उत्तर रेलवे में शकूरबस्ती, मध्य रेलवे में मुंबई, पूर्व रेलवे में हावड़ा, दक्षिण रेलवे में चेन्नई और दक्षिण मध्य रेलवे में सिकंदराबाद में प्रिंटिंग प्रेस हैं। रेलवे बोर्ड ने इन्हें 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया था, लेकिन अब एक नया आदेश जारी करके इसकी तिथि 30 जून कर दी गई है।
नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के मंडल मंत्री संजीव सैनी का कहना है कि रेलवे बोर्ड का यह फैसला गलत है, क्योंकि रेलवे प्रिंटिंग प्रेस में कई महत्वपूर्ण व संवेदनशील दस्तावेज की छपाई होती है। बार-बार इन्हें बंद करने का फरमान जारी किया जाता है, जिसका असर कर्मचारियों के भविष्य पर पड़ रहा है।