Move to Jagran APP

आयकर विभाग ने टीडीएस में 470 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी, बड़े कॉरपोरेट घराने भी शामिल

आयकर विभाग ने दिल्ली में 470 करोड़ रुपये की टीडीएस धोखधड़ी का पता लगाया है। हेराफेरी में दिल्ली के कुछ बड़े कॉरपोरेट घराने लिप्त हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 11:07 PM (IST)
आयकर विभाग ने टीडीएस में 470 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी, बड़े कॉरपोरेट घराने भी शामिल
आयकर विभाग ने टीडीएस में 470 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी, बड़े कॉरपोरेट घराने भी शामिल

नई दिल्ली, प्रेट्र। आयकर विभाग ने दिल्ली में 470 करोड़ रुपये की टीडीएस धोखधड़ी का पता लगाया है। हेराफेरी में दिल्ली के कुछ बड़े कॉरपोरेट घराने लिप्त हैं। आयकर विभाग की दिल्ली शाखा ने चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में टीडीएस में पर्याप्त कटौती सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी शुरू की है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में 40 फीसद हिस्सेदारी टीडीएस की रहती है।

loksabha election banner

दिल्ली के कई होटल व रियल्टी कंपनियों ने नहीं काटा है टीडीएस

एक अधिकारी ने बताया कि विभाग की दिल्ली शाखा ने हाल ही में दिल्ली के कुछ सस्ते होटलों और गेस्ट हाउस एग्रीगेटर फर्म के परिसरों पर छापा मारा था। इस दौरान पाया गया कि इन होटलों और फर्मो ने पिछले सात साल में करीब 280 करोड़ रुपये के रेंटल पर टीडीएस नहीं काटा था। इसी तरह एक विमानन कंपनी ने 115 करोड़ रुपये के भुगतान पर टीडीएस नहीं काटा था। रियस एस्टेट सेक्टर की कुछ कंपनियों ने भी 75 करोड़ रुपये के भुगतान पर टीडीएस नहीं दिया था।

कुछ मामलों में कम दर पर टीडीएस काटने की बात भी सामने आई

रियल्टी सेक्टर की कंपनियों को कम दर पर टीडीएस काटने का दोषी भी पाया गया है। विभाग के अधिकारियों ने किसी फर्म की पहचान उजागर नहीं की है। अधिकारियों ने बताया कि दो अन्य मामलों में दिल्ली की स्थानीय अदालतों में कंपनियों को गलत टीडीएस काटने या टीडीएस नहीं काटने के मामले में दोषी भी पाया गया है। एक मामले में छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि दूसरे मामले में पांच लाख रुपये के जुर्माने के साथ छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।

आयकर के नियमों के अनुसार, टीडीएस जिस महीने में काटा जाए, उससे अगले महीने के सात दिन के भीतर टीडीएस केंद्र सरकार के खाते में जमा करा देना होता। आयकर विभाग ने टीडीएस काटने वाले पक्ष की तरफ से इनका भुगतान नहीं किए जाने के मामले सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर ऐसे मामलों में ऑडिट जांच शुरू की है, जहां टीडीएस नहीं काटा गया, रिटर्न नहीं भरा गया या टीडीएस कम दर पर काटा गया।

जीएसटी करदाताओं के पास नोटिस की बाढ़

सरकार लगातार जीएसटी में किसी भी तरह की चोरी और धोखाधड़ी पर लगाम लगाने की दिशा में प्रयासरत है। इस दिशा में जीएसटी करदाताओं को लगातार नोटिस और एडवाइजरी का भी सामना करना पड़ रहा है। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट में अचानक उछाल, पिछले साल के मुकाबले कम जीएसटी भुगतान और रिटर्न फॉर्म में असमानता से जुड़े नोटिस हैं। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि इस मामले में कोई व्यक्ति शामिल नहीं है। सभी व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल तरीके से होती है। किसी बड़ी अनियमितता की स्थिति में सिस्टम अपने आप करदाताओं को नोटिस भेज देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.