दिल्ली में पराली जलाना है वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह, स्वास्थ्य के लिए भी है हानिकारक
आसपास के जिलों में पराली जलाने से होने वाला उत्सर्जन सर्दी के दौरान नई दिल्ली में वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह है।
लंदन, प्रेट्र। आसपास के जिलों में पराली जलाने से होने वाला उत्सर्जन सर्दी के दौरान नई दिल्ली में वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह है। एक अंतरराष्ट्रीय शोध में भी इसकी पुष्टि हुई है।
नेचर सस्टेनेबिलिटी नामक पत्रिका में प्रकाशित इस शोध से पता चलता है कि जीवाश्म ईधन के दहन से निकलने वाला ब्लैक कार्बन ही हमेशा नई दिल्ली जैसी दक्षिण एशियाई मेगासिटी में गंभीर वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं होता है।
नई दिल्ली में जीवाश्म ईधन का उत्सर्जन गर्मियों के दौरान वायु प्रदूषण का 80 फीसद होता है। अगर सर्दियों से पहले की बात करें तो पड़ोसी क्षेत्रों में बायोमास (जैसे फसल अवशेष आदि) के जलने से होने वाला उत्सर्जन जीवाश्म ईधन से अधिक होता है।
स्वीडन की स्टाकहोम यूनिवर्सिटी के अगस्त एंडरसन ने बताया, 'ब्लैक कार्बन एरोसोल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं और इनका स्तर अन्य मेगासिटी की तुलना में नई दिल्ली में बहुत ज्यादा है। जाड़े से पहले नई दिल्ली में वायु कणों का प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित की गई सीमा से दस गुना अधिक तक पहुंच सकता है।'
एंडरसन ने कहा कि इस अत्यधिक आबादी वाले शहर में ब्लैक कार्बन के पर्यावरणीय प्रभावों को तय करने के लिए प्रमुख उत्सर्जन स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को निर्धारित करना जरूरी है। शोधकर्ताओं ने 2011 के दौरान नई दिल्ली से हवा के नमूने एकत्र किए और कणों के स्त्रोत की पहचान के लिए प्रत्येक नमूने के कार्बन आइसोटोप बनाकर उनका विश्लेषण किया।
शोध के दौरान इस बात का भी पता चला है कि नई दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह शहरी या स्थानीय होने के बजाय क्षेत्रीय है। इसकी प्रमुख वजह राष्ट्रीय राजधानी से 200 किमी दूर रहने वाले किसानों द्वारा फसलों अवशेषों को जलाना है।