कोरोना की घरेलू टेस्टिंग किट एक महीने में होगी तैयार, आइआइटी दिल्ली और एनसीएल जुटे
आइआइटी दिल्ली और पुणे के नेशनल केमिकल लेबोरेट्री यानी एनसीएल मिलकर जल्दी ही वैश्विक महामारी की वैकल्पिक जांच किट तैयार करने वाले हैं। पढ़ें यह ताजा रिपोर्ट....
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत में वैश्विक महामारी कोविड-19 की जांच अब बहुत जटिल और लंबे इंतजार वाली नहीं होगी। दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) और पुणे के नेशनल केमिकल लेबोरेट्री (एनसीएल) मिलकर जल्दी ही वैश्विक महामारी की वैकल्पिक जांच किट तैयार करने वाले हैं। घर में ही की जाने वाली यह जांच किट बेहद सरल, अपेक्षाकृत सस्ती और सटीक होने के साथ ही कम समय में नतीजे बता देगी। बताया जाता है कि यह कोरोना टेस्टिंग किट एक महीने में तैयार हो जाएगी।
आइआइटी के प्रोफेसर और केमिकल इंजीनियर अनुराग एस. राठौर ने बताया कि यह एक संयुक्त उपक्रम है जिसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की निगरानी में एनसीएल को माइक्रोसॉफ्ट इंडिया से वित्तीय सहायता मिली है। इस घरेलू टेस्टिंग किट को एलिसा (एंजाइम लिंक्ड इम्यूनेसी) नाम दिया गया है। यह कोविड-19 की नैदानिक सीरम आधारित जांच है। इस जांच किट के आने से कोविड-19 महामारी को त्वरित जांच से नियंत्रित करने में आसानी होगी। हालांकि ऐसे परीक्षण लैबोरेट्री में किए जाते हैं, लेकिन इस नए टेस्टिंग किट की खूबी यही है कि इससे महामारी की जांच घर में ही की जा सकती है। और ऐसा करने में कोई खतरा भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय परिपेक्ष्य में घर पर टेस्टिंग बड़ी चुनौती रही है। मौजूदा समय में रीयल टाइम पॉलीमर्स चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट के जरिये कोरोना वायरस परीक्षण को जेनेटिक आधार पर किया जाता है। यह परीक्षण केवल लैबोरेट्री में ही किए जा सकते हैं और इनके नतीजे आने में भी कई घंटे से लेकर तीन दिन तक लग जाते हैं। लेकिन इन परेशानियों से निपटने में नया टेस्टिंग किट कामयाब होगा। चूंकि इसे आइजीजी और आइजीएम आधारित एलिसा पर आधारित बनाया गया है। यह जांच रोग की शुरुआत में ही उसकी परख करने में सक्षम होगी। नोवल कोरोना वायरस में कई हिस्से होते हैं। यह प्रोटीन की कांटेनुमा बनावट, खोल, झिल्ली और केंद्रीय अम्ल से बना है। इसलिए यह जांच सूक्ष्म एंजाइम और एंटीबॉडी पर आधारित होगी।