पूर्व पीएम डा. मनमोहन सिंह की तबीयत बिगड़ी, एम्स ने जारी किया बयान
पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह (88) की तबीयत बुधवार को बिगड़ गई। अभी एम्स के कार्डियो टावर में ले जाए गए हैं। डा. नीतीश नायक की टीम की देखरेख में भर्ती कराया गया है। कुछ समय पहले भी उनकी तबीयत बिगड़ने पर एम्स में भर्ती कराया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें हल्का बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर शाम सवा छह बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्डियो टावर में भर्ती कराया गया। उन्हें कार्डियक और न्यूरो संबंधी परेशानी है। कार्डियोलाजी विभाग के डा. नीतीश नायक की देखरेख में उनका इलाज किया जा रहा है। 89 वर्षीय मनमोहन सिंह की अन्य जांच के लिए एम्स ने एक मेडिकल बोर्ड भी बना दिया है। कांग्रेस सचिव व संचार विभाग के प्रभारी प्रणव झा ने ट्वीट कर लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य के संबंध में कुछ निराधार अफवाहें हैं। उनकी हालत स्थिर है। उनका नियमित इलाज चल रहा है। हम आवश्यकतानुसार अपडेट साझा करेंगे। पिछले महीने 26 सितंबर को मनमोहन सिंह 89 साल के हुए हैं।
वहीं एम्स ने बयान जारी कर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को बुखार की जांच के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली में भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर है।
पिछले साल एम्स में किया गया था भर्ती
2004 से 2014 तक पीएम रहे मनमोहन सिंह इसी साल कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। उन्हें 19 अप्रैल को कोरोना पाजिटिव होने के बाद एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 29 अप्रैल को उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी दे दी गई थी। मनमोहन सिंह को शुगर की भी बीमारी है। पूर्व पीएम की दो बायपास सर्जरी भी हो चुकी है। उनकी पहली सर्जरी साल 1990 में यूनाइटेड किंगडम में हुई थी, जबकि 2009 में एम्स में उनकी दूसरी बायपास सर्जरी की गई थी। पिछले साल मई के महीने में भी उन्हें बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अभी इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है।
मनमोहन सिंह का राजनीतिक परिचय
1971 में इंदिरा गांधी की सरकार में मनमोहन सिंह को भारत सरकार का आर्थिक सलाहकार बनाया गया। 1972 में मनमोहन सिंह भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार बन गए। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया, जो स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय था। मनमोहन सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य रहे, जहां वे 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता थे। डा. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। वह अभी भी राज्यसभा के सदस्य हैं।
पिछले महीने प्रणब दा पर दिया था भाषण
करीब एक महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने प्रथम प्रणब मुखर्जी स्मृति व्याख्यान में भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने मंत्रिमंडल के सहयोगी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बार में जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि भारत के राष्ट्रपति के सर्वोच्च संवैधानिक पद को प्राप्त करने से पहले प्रणब मुखर्जी का 5 दशकों से अधिक का लंबा और शानदार राजनीतिक जीवन था। वह कांग्रेस पार्टी के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक थे।
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