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Farmers Protest Update: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं किसान, कानून रद होने तक जारी रहेगा आंदोलन

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों से वार्ता के लिए चार सदस्यों वाली एक कमेटी का गठन किया है। लेकिन इस बीच किसान संगठनों ने कमेटी को लेकर असहमति जताई है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 05:59 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 06:41 AM (IST)
Farmers Protest Update: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं किसान, कानून रद होने तक जारी रहेगा आंदोलन
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसान नेताओ ने प्रेस काफ्रेंस कर दी जानकारी (फोटो एएनआई)

नई दिल्ली/ सोनीपत, जेएनएन। तीनों कृषि कानूनों को लेकर चार सदस्यीय कमेटी गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। किसान नेताओं का कहना है कि वे किसी कमेटी के सामने नहीं जाएंगे। कानून को लेकर किसान कोर्ट में नहीं गए थे, सरकार की ओर से याचिका डाली गई थी। हालांकि किसान नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आंदोलन के हक में दिए गए फैसले का स्वागत किया, लेकिन कमेटी के बारे में स्पष्ट कर दिया कि वे इससे सहमत नहीं हैं। साथ ही किसान नेताओं ने 15 जनवरी की वार्ता में शामिल होने की भी बात कही।

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किसान नेताओं ने कहा- हमारी लड़ाई सरकार से है

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुंडली बार्डर पर किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल, डा. दर्शनपाल, जगमोहन सिंह, जगजीत सिंह दल्लेवाल, प्रेम सिंह भंगू, रमिंदर पटियाल आदि ने पत्रकारों से बातचीत की। किसान नेताओं ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में जो चार नाम शामिल किए गए हैं, वे पहले से ही इन कानूनों के समर्थक रहे हैं। कानून के समर्थन में इनके लेख विभिन्न अखबारों में प्रकाशित होते रहे हैं। यही नहीं, न तो किसान सुप्रीम कोर्ट गए और न ही किसी कमेटी का कोई प्रस्ताव रखा, तो इसका क्या औचित्य है। यह कमेटी केवल विषय को भटकाने के लिए बनाई गई है। तीनों कानून संसद और भाजपा सरकार ने बनाए हैं। इसलिए हमारी लड़ाई सरकार से है। हमारी मांग कानून रद कराने की है, किसी कमेटी में बहस के लिए नहीं।

कानून रद होने तक आंदोलन जारी रहेगा

कानून रद होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसे और तेज किया जा सकता है। अभी दिल्ली के पांच रास्ते बंद हैं, भविष्य में 10 रास्ते भी बंद हो सकते हैं। इस आंदोलन को पूरे देश में भी फैलाया जाएगा। जहां तक कानूनों को स्थगित करने का सवाल है, तो यह कोई समाधान नहीं है। 15 की बैठक के बाद बनेगी ट्रैक्टर मार्च की रूपरेखा किसान नेता राजेवाल ने कहा कि 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च को लेकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। हर जगह भ्रम फैलाया जा रहा है कि हम दिल्ली फतह करने जा रहे है, किसानों का ऐसा कोई इरादा नहीं है। लालकिला पर जाने का भी कार्यक्रम नहीं है और न ही किसान संसद में जाने की कोशिश करेंगे। ट्रैक्टर मार्च की रूपरेखा 15 जनवरी की बैठक के बाद तय होगी, लेकिन यह तय है कि आंदोलन की तरह मार्च भी शांतिपूर्ण होगा और शांतिभंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

आज संयुक्त मोर्चा करेगी आगे की रणनीति की घोषणा

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी गेट पर कहा कि आंदोलन जारी रहेगा। तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं है, तो घर वापसी नहीं है। कोई गलतफहमी में न रहे। 26 जनवरी की परेड दिल्ली में होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है, जिसका हम आभार व्यक्त करते हैं। किसानों की मांग कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर बुधवार को संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा।

कमेटी के सदस्यों पर एतराज

राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम पूर्णरूप से सम्मान करते हैं, मगर जो कमेटी बनी है, उसके सदस्यों पर हमें एतराज है। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्य खुली बाजार व्यवस्था और कृषि कानूनों के समर्थक हैं। पिछले 20-25 सालों से किसान विरोधी कामों में लिप्त हैं।

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