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जेवर एयरपोर्टः किसानों संग जमीन अधिग्रहण की सहमति बनी, निर्माण का रास्ता साफ

अधिकारियों ने किसानों को एकमुश्त 2,500 या 2,300 रुपये प्रति वर्गमीटर मुआवजे के साथ अन्य सुविधाओं के विकल्प की जानकारी दी।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 07:35 PM (IST)
जेवर एयरपोर्टः किसानों संग जमीन अधिग्रहण की सहमति बनी, निर्माण का रास्ता साफ
जेवर एयरपोर्टः किसानों संग जमीन अधिग्रहण की सहमति बनी, निर्माण का रास्ता साफ

नोएडा (जेएनएन)। जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों के साथ यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक सकारात्मक रही। बैठक में अधिकतर किसानों ने जमीन देने पर सहमति जता दी है। किसानों ने दूसरी जगह बसाने का प्रस्ताव रखा। मुआवजा राशि में बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री तक आग्रह पहुंचाने का अनुरोध भी किया। जमीन अधिग्रहण का विरोध व समर्थन करने वाले किसानों के बीच बैठक में नोकझोंक भी हुई।

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एयरपोर्ट निर्माण के लिए पहले चरण में छह गांवों की 1,334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। किसानों की सहमति को लेकर पेच फंसा हुआ है। इसके लिए लगाए जा रहे कैंपों में कई किसानों ने लिखित सहमति दे भी दी है। इसी सिलसिले में गुरुवार को यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डा. प्रभात कुमार एवं सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय सभागार में किसानों संग वार्ता की। इसमें प्रभावित हो रहे छह गांवों के करीब 150 किसान सम्मलित हुए। अधिकारियों ने किसानों को एकमुश्त 2,500 या 2,300 रुपये प्रति वर्गमीटर मुआवजे के साथ अन्य सुविधाओं के विकल्प की जानकारी दी।

किसानों को 50 वर्गमीटर के मिलेंगे आवास

जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित ग्रामीणों को विस्थापन नियम के तहत 50 वर्गमीटर के आवास दिए जाएंगे। अधिकतर किसानों ने 2,300 रुपये एवं अन्य सुविधाओं के विकल्प पर सहमति जताई। उन्होंने प्राधिकरण अधिकारियों से आग्रह किया कि उनके गांव को दूसरी जगह विस्थापित कर एक ही जगह पर बसा दिया जाए, जिस ग्रामीण के पास गांव में जितनी जमीन है, विस्थापित जगह पर उसे उतनी ही जमीन दी जाए।

किसानों ने जमीन मुआवजे की दर बढ़ाने की मांग भी की है। हालांकि अधिकारियों ने इसे खारिज कर दिया। किसानों ने प्राधिकरण अधिकारियों से कहा कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री से आग्रह करें। अधिकारियों ने उनकी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का भरोसा दिया है। बैठक में कुछ किसान चार गुना मुआवजे की मांग पर भी अड़े रहे। चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने कहा कि अगर 70 फीसद किसान जमीन अधिग्रहण पर सहमति देते हैं तो एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। बैठक में यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जेवर हवाई अड्डे की अड़चन दूर करने में उद्यमी करेंगे सहयोग

जेवर हवाई अड्डे के लिए जमीन की अड़चन दूर करने की दिशा में लघु उद्योग भारती ने भी किसानों से अपील की है। संगठन ने जिला प्रशासन के समक्ष किसानों को सुगमता से मुआवजा राशि दिलवाने और रहने के लिए कम से कम 100 वर्ग मीटर का प्लाट देने की मांग उठाई है। संगठन की तरफ से प्रभावित किसानों के बच्चों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने के साथ उद्योग लगाने में सहायता का आश्वासन भी दिया गया है। लघु उद्योग भारती गौतमबुद्ध नगर-2 के अध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट की वजह से वहां के 2250 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। उद्यमियों के साथ बैठक में जिलाधिकारी ने इन परिवारों को आवास एवं रोजगार के लिए उद्यमी संगठनों से अपील की है।


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