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दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्वर नीरज कुमार ने बताईं दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं की वजहें

दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण युवाओं में संस्कारों की कमी और खुद पर संयम न होना है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:48 AM (IST)
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्वर नीरज कुमार ने बताईं दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं की वजहें
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्वर नीरज कुमार ने बताईं दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं की वजहें

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण युवाओं में संस्कारों की कमी और खुद पर संयम न होना है। यदि खुद पर संयम नहीं है तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति ऐसी नहीं रहती कि वह सही या गलत में अंतर कर सके। इसी मानसिक स्थिति के दौरान वह दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम देता है। इसके बाद स्वयं को बचाने और सबूत खत्म करने के उद्देश्य से हैदराबाद और उन्नाव जैसी वीभत्स घटनाएं सामने आती हैं। अगर आरोपित यह मानते हैं कि वे दुष्कर्म के बाद पीड़ित को जलाकर बच सकते हैं तो उनकी गलतफहमी है।

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परिवार से अलग रहना भी बड़ी समस्या

युवाओं में अशिक्षा, परिवार से अलग रहना और अकेले रहना भी दुष्कर्म की घटनाओं के बढ़ने का कारण है। इसके साथ ही जब व्यक्ति की शारीरिक जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं, तो संयम खोने की स्थिति में वह ऐसी घटनाओं को अंजाम देता है। इन घटनाओं को रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि पुलिस की मौजूदगी को बढ़ाया जाए।

सीसीटीवी से हो निगरानी

सीसीटीवी कैमरों के जरिये लगातार और अधिक से अधिक स्थानों पर मॉनीटरिंग की जाए। विशेष रूप से ऐसे स्थान, जहां रात में लोगों की आवाजाही कम हो जाती है, वहां अगर सीसीटीवी से निगरानी संभव नहीं है तो वहां पुलिस की गश्त को बढ़ाया जाना चाहिए। पुलिस की मौजूदगी होने से इस प्रकार का कुकृत्य करने वालों के मन में एक डर रहता है। इसके अलावा, ऐसी घटनाएं होने के बाद पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जितनी जल्दी और कड़ी सजा दोषियों को मिलेगी, उससे अपराधियों के मन में ऐसी घटनाएं न करने का डर पैदा होगा, जो बहुत जरूरी है।

अपराधियों में कानून का डर होना जरूरी

कानून का डर होने से अन्य अपराधों की तरह दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध को भी काफी हद तक रोका जा सकता है। अश्लील साहित्य को लेकर अब तक ऐसा कोई सर्वे या अध्ययन सामने नहीं आया है कि ऐसा देखने या पढ़ने वालों ने दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया हो। यह एक वजह तो हो सकती है, लेकिन यहां सवाल फिर से मानसिक स्थिति और संयम का ही खड़ा होता है। संयमित, संस्कारित और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति कभी भी दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम नहीं दे सकता।

हैदराबाद एनकाउंटर का लोगों को समर्थन

दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ देशव्यापी आक्रोश का नतीजा है कि हैदराबाद में आरोपितों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने का लोगों ने खुलकर समर्थन किया। वहीं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत कुछ राजनेताओं ने आरोपितों को इस तरह सजा देने पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग भी उठाई। यही नहीं, इस मुद्दे पर एक ही पार्टी के अलगअलग नेताओं की प्रतिक्रिया भी अलग-अलग देखने को मिली। यहां तक कि इस मुद्दे पर महिला सांसदों की राय भी बंटी दिखी।

जहां एक ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की सुलतानपुर सीट से लोकसभा सांसद मेनका गांधी ने हैदराबाद पुलिस द्वारा चारों आरोपितों के एनकाउंटर को नाराजगी जताई है। वहीं, इस पर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कहा- 'देर आए दुरुस्त आए'

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