आम्रपाली मामले में अब जेपी मार्गन के चीनी निदेशक से पूछताछ करेगा प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी आम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वालों के करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में जेपी मार्गन इंडिया के बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ करेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वालों के करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जेपी मार्गन इंडिया के बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ करेगा। इनमें एक चीनी नागरिक भी शामिल है। ईडी समूह में करोड़ों रुपये की हेराफेरी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को जेपी मार्गन को फ्लैट खरीदारों के 140 करोड़ रुपये ब्याज समेत यूको बैंक में खुले एस्क्रो खाते में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
जेपी मार्गन के जिन बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर होने हैं, उन्हें ईडी ने हाल ही में अटैच किया था। शीर्ष अदालत के निर्देश पर खुले एस्क्रो खाते में जमा पैसे का इस्तेमाल आम्रपाली समूह के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने जेपी मार्गन इंडिया से आम्रपाली समूह के साथ हुए सभी करार से संबंधित दस्तावेज जमा करने को कहा है। साथ ही कंपनी के निदेशकों को पूछताछ के लिए भी बुलाया है।
इन निदेशकों में गुंजन बहल, ऋषिकेश कार और चाणक्य चक्रवर्ती के साथ ही चीनी नागरिक टोड वांग भी शामिल है। पीएमएलए के तहत इनके बयान दर्ज किए जाएंगे। वांग जेपी मार्गन इंडिया प्रॉपर्टी मारीशस कंपनी -दो में निदेशक था। वह 5 फरवरी, 2010 से 25 अप्रैल, 2013 तक कंपनी के बोर्ड में रहा। कंपनी के एस्क्रो खाते का वही संचालन करता था। उसी के हस्ताक्षर से आम्रपाली जोडिएक के बैंक खाते से 140 करोड़ रुपये मन्नत बिल्डक्राफ्ट प्राइवेट लिमिडेट के खाते में ट्रांसफर किए गए।
मन्नत बिल्डक्राफ्ट उन तीन फर्जी कंपनियों में से है, जिसका फ्लैट खरीदारों के धन की हेराफेरी के लिए गठन किया गया था। अभी बीते गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने बहुराष्ट्रीय कंपनी जेपी मोर्गन को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कुर्क बैंक खातों से ब्याज सहित 140 करोड़ रुपये यूको बैंक में खोले गये 'एस्क्रो' खाते में डालने का निर्देश दिया था। कंपनी पर आम्रपाली समूह के मकान खरीददारों के पैसे का कथित रूप से हेरफेर करने और दूसरे कामों में उपयोग करने का आरोप है।