किसानों के आंदोलन में सुर मिलाने लगे अन्य दर्जनों दल, शाहीन बाग धरने के आयोजकों का भी समर्थन
दिल्ली में सीएए-एनआरसी बिल में संशोधन की मांग को लेकर लगभग तीन माह तक शाहीन बाग में चले धरने की आयोजक टीम भी इन किसानों के समर्थन में पहुंच गई है। शाहीन बाग धरने की आयोजक फातिमा ने मंगलवार को सिंधु बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को संबोधित किया।
नई दिल्ली, विनय तिवारी। कृषि कानून में संशोधन की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरना प्रदर्शन को अब अन्य दलों का भी समर्थन मिलने लगा है। किसानों के अलावा इसमें कई दल ऐसे भी शामिल हो रहे हैं जिनका काम सिर्फ सरकार की नीतियों का विरोध करना ही है, चाहे कोई भी नीति हो। ऐसे गैर राजनीतिक दलों के नेता इन धरना स्थलों पर पहुंचकर किसानों के साथ अपना समर्थन जता रहे हैं। दिल्ली में सीएए-एनआरसी बिल में संशोधन की मांग को लेकर लगभग तीन माह तक शाहीन बाग में चले धरने की आयोजक टीम भी इन किसानों के समर्थन में पहुंच गई है। शाहीन बाग धरने की आयोजक कनीज फातिमा ने मंगलवार को सिंधु बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को संबोधित किया और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उनके साथ अन्य मुस्लिम महिलाएं भी शामिल थीं।
मालूम हो कि शाहीन बाग में महिलाओं के एक ग्रुप की ओर से आयोजित किए गए धरना प्रदर्शन की वजह से कालिंदी कुंज रोड तीन माह तक बाधित रही थी, इस दौरान धरना स्थल के आसपास की सभी दुकानेें महीनों बंद रहीं। यदि किसी दुकानदार ने अपनी दुकान खोलने का प्रयास किया भी तो उसे मुसीबत का सामना करना पड़ा। यहां शुरू हुए धरना प्रदर्शन में देश के तमाम हिस्सों से लोग पहुंचे थे। रोजाना कोई न कोई नई चीज हो रही थी। धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को बस एक ही मांग थी कि एनआरसी को वापस लिया जाए। धरना प्रदर्शन को देखते हुए जब सरकार ने इन लोगों से बातचीत करनी चाही तो उनको धरना स्थल पर ही बुलाया गया। कोई भी कहीं जाकर बातचीत करने को तैयार नहीं हुआ। यदि कोरोना वायरस का संक्रमण न फैला होता तो धरना दे रहे लोग शायद ही अब तक पीछे हटे होते।
शाहीन बाग के बाद अब ये दूसरा ऐसा मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर लोग सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में बाकी लोगों को भी इनका साथ देने का मौका मिल गया है। शाहीन बाग में धरने का आयोजन करने वाले भी इन किसानों के समर्थन में वहां पहुंच गए हैं। इसके अलावा भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर भी यूपी गेट पर किसानों का समर्थन करने पहुंच गए। कई अन्य दलों के नेता भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसानों का समर्थन कर रहे हैं।
पंजाब से आए किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोक दिया गया, इस वजह से वो सिंधु बॉर्डर पर ही धरना देकर बैठ गए। उसके बाद यूपी के किसानों ने इन्हें समर्थन देने का ऐलान किया, वो यूपी गेट पर पहुंचे और यहां अपना धरना शुरू कर दिया। फिलहाल इन दोनों जगहों पर किसान जमा है और धरना जारी है। दोनों जगहों पर चल रहे धरना प्रदर्शनों में दूसरे दलों के नेता भी पहुंचकर उनको समर्थन दे रहे हैं।
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