नशा कर विमान उड़ाने जा रहे थे एयर इंडिया के डायरेक्टर अरविंद, 3 साल के लिए लगा बैन
एयर इंडिया ने वरिष्ठ पायलट और बोर्ड में निदेशक अरविंद कठपलिया पर तीन साल तक के लिए उड़ान भरने पर रोक लगा दी है।
नई दिल्लीए जागरण ब्यूरो।उड़ान से पहले परीक्षण में शराब पीने के दोषी पाए गए एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट और निदेशक, ऑपरेशंस अरविंद कठपालिया का कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस तीन वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है। डीजीसीए ने उन्हें यह सजा ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में दूसरी बार पकड़े जाने के बाद दी है। इसी के साथ कठपालिया के अपने पद पर बने रहने की संभावनाएं भी क्षीण हो गई हैं।
कैप्टन कठपालिया को रविवार के दिन दिल्ली-लंदन फ्लाइट एआइ 111 की उड़ान से पहले अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पाजिटिव पाया गया था। पुष्टि के लिए उनका दो बार परीक्षण किया गया और दोनो में ही उनके 12 घंटे के भीतर शराब पीने की पुष्टि हो गई।
इसी के साथ एयर इंडिया प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें विमान उड़ाने से रोक दिया और उनकी जगह दूसरे पायलट को बुलाकर विमान को 55 मिनट बाद गंतव्य के लिए रवाना किया। इस घटनाक्रम के परिणामस्वरूप यात्रियों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा।
इससे पहले कैप्टन कठपालिया को जनवरी, 2017 में भी उड़ान से पहले परीक्षण में मदिरा सेवन के साथ-साथ स्टाफ के साथ असहयोग और अभद्रता का दोषी पाया गया था। तब डीजीसीए ने तीन महीने के लिए उनका लाइसेंस निलंबित किया किया था। उस समय वे एयर इंडिया में कार्यकारी निदेशक, ऑपरेशंस थे। हालांकि बाद में न केवल उन्हें विमान उड़ाने की अनुमति मिल गई थी। बल्कि 27 जून, 2017 को उन्हें निदेशक, ऑपरेशंस के पद पर नियुक्त कर दिया गया था। तब इंडियन पायलट एसोसिएशन (आइसीपीए) ने इस कदम का जोरदार विरोध किया था।
विमानन सुरक्षा नियमों के मुताबिक ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पहली बार दोषी पाए जाने पर पायलट लाइसेंस को तीन महीने, और दूसरी बार पाए जाने पर तीन साल के लिए निलंबित करने का प्रावधान है। जबकि तीसरी बार यही गलती करने वाले पायलट का लाइसेंस हमेशा के लिए रद कर दिया जाता है।
एक अन्य पायलट का लाइसेंस भी निलंबित
इस बीच एक अन्य घटनाक्रम के तहत रविवार को एयर इंडिया की बैंकाक-नई दिल्ली उड़ान (एआइ-332 ) को इसलिए बीच रास्ते से वापस बुलाना पड़ा, क्योंकि इसके एक पायलट का अनिवार्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट नहीं हुआ था। एयर इंडिया सूत्रों के मुताबिक इस पायलट को भी तीन महीने के लिए उड़ान प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान पायलट की काउंसिलिंग की जाएगी।
वैसे तो दारूबाज पायलटों से दुनिया की तकरीबन हर एक एयरलाइन किसी न किसी रूप में त्रस्त है, लेकिन भारतीय एयरलाइनों, खासकर एयर इंडिया के पायलटों की चर्चा कुछ ज्यादा होती है। इससे जुड़े सवाल के विमानन मंत्री द्वारा संसद में दिए गए उत्तर के अनुसार पिछले तीन वर्षो के दौरान 132 पायलटों को उड़ान पूर्व किए जाने वाले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पाजिटिव पाया गया है। पिछले साल विमान उड़ाने से पहले की गई जांच में 45 पायलटों को 'टुन्न' हालत में पकड़ा गया था।
सड़क और रेल की तरह नागरिक विमानन नियम-24 के अनुसार चालक के शराब पीकर विमान उड़ाने या इसका प्रयास करने को सुरक्षा के लिहाज से भयानक जोखिम माना जाता है। इसके लिए उड़ान से 12 घंटे पहले से लेकर उड़ान खत्म होने तक शराब पीने की मनाही होती है तथा पुष्टि के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाता है। पहली बार पॉजिटिव पाए जाने पर लाइसेंस तीन माह के लिए और दूसरी बार पाए जाने पर तीन वर्ष के लिए निलंबित किया जाता है। जबकि तीसरी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस रद्द हो जाता है।