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Muzaffarpur Shelter Home Verdict: एनजीओ मालिक ब्रजेश समेत 19 दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का एलान

Muzaffarpur shelter home Verdict मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur shelter home Verdict) मामले में दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने सोमवार फैसले में 19 को दोषी करार दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 03:04 PM (IST)
Muzaffarpur Shelter Home Verdict: एनजीओ मालिक ब्रजेश समेत 19 दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का एलान
Muzaffarpur Shelter Home Verdict: एनजीओ मालिक ब्रजेश समेत 19 दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का एलान

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Muzaffarpur shelter home Verdict : बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur shelter home Case) मामले में दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसले में एनजीओ मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को यौन शोषण और सामूहित दुष्कर्म के कई मामलों में दोषी करार दिया है, जबकि एक आरोपित  मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की सबूतों के अभाव में बरी हुआ है। 20 जनवरी को सुबह 10 बजे सजा का एलान होगा। 

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दोषी करार देते ही रोने लगा रवि

वहीं, कोर्ट द्वारा आरोपितों को दोषी करार देते हुए एक दोषी रवि अदालत में ही फूट-फूटकर रोने लगा, उधर कोर्ट में सजा सुनते ही अन्य दोषियों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उभर आईं।

कानून के जानकारों की मानें तो अगर जांच एजेंसी CBI अपनी चार्जशीट में लगाए गए आरोपों को कोर्ट में साबित करने में सफल होती है, तो मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर समेत दोषियों को न्यूनतम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा मिल सकती है। हालांकि, सजा का एलान कब होगा? इसकी तारीख कोर्ट थोड़ी देर बाद तय करेगा।

वहीं, फैसले के बाद बिहार में मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के साथ कांग्रेस और अन्य दल भी राज्य में सत्तासीन जनता दल युनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हो सकते हैं।

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने फैसले को टालते हुए 20 जनवरी की तारीख तय की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। 

शेल्टर होम केस में मुख्य आरोपित समेत सभी जेल में बंद है, जिन्होंने सोमवार को होने वाले  फैसले के दिन कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआइ ने अपनी चार्जशीट में आरोपितों पर दुष्कर्म और बाल यौन शोषण रोकथाम अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences) की धारा-6 के तहत भी आरोल लगाए हैं, ऐसे में कोर्ट इस धारा के मद्देनजर सख्त फैसला सुना सकता है। 

यह है पूरा मामला

सीबीआइ की चार्जशीट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ कर्मचारी भी गलत काम कर रहे थे। इतना ही वहीं, यह भी आरोप है कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी बच्चियों के साथ गलत काम में संलिप्त थे।

34 बच्चों से हुई हैवानियत

मामला सामने आने पर मेडिकल टेस्ट में तकरीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें नशीला दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया  जाता था। 


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