अनलॉक होती जिंदगी में ये तीन नियम ही देंगे आपको कोरोना के संक्रमण से मुक्ति
COVID-19 Outbreak डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बरकरार है। इससे बचने के लिए शारीरिक दूरी पौष्टिक आहार और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है।
रणविजय सिंह। COVID-19 Outbreak: कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अनलॉक-1 लागू होने के बाद से यह खतरा बढ़ गया है। ऐसे में संक्रमण को लेकर तनाव में आने से बचें। इस वक्त सरकार व समाज को मिलकर ही काम करना होगा। इस महामारी की रोकथाम के लिए विज्ञान के नियमों को मानना जरूरी है और कोरोना से बचाव के लिए भीड़ से दूरी ही सबसे अहम टॉनिक है। अनलॉक-1 में जनता को काफी छूटें दी गई हैं, लेकिन कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बरकरार है।
इससे बचने के लिए शारीरिक दूरी, पौष्टिक आहार और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। अगर हम बचाव के सामान्य उपायों को गंभीरता से लें तो निश्चित ही संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे... जानें क्या कहते है नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव एंड कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर।
मास्क बना जीवन का हिस्सा: बाहर निकलते समय अपना ख्याल रखना जरूरी है। जब तक कोरोना का संक्रमण बरकरार रहेगा, तब तक मास्क को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना होगा। आने वाले दिनों में इंफ्लूएंजा का संक्रमण भी होगा। इसलिए मास्क कोरोना के साथ-साथ इंफ्लूएंजा से भी बचाएगा।
थूक में कई घंटे तक रहता है वायरस: हमारे देश में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत एक सामाजिक बुराई है। यहां काफी संख्या में लोग पान मसाला, गुटखा व तंबाकू खाते हैं। जबकि यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसके बिना जीवन नहीं चल सकता। इसका सेवन छोड़कर संक्रमण को कम किया जा सकता है। इससे खुद के साथ-साथ समाज का भी बचाव होगा, क्योंकि थूक में वायरस कई घंटों तक रहता है। इस वजह से दूसरों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। धूमपान भी कतई न करें और यदि कोई धूमपान करता है तो उसे भी मना करें। वैसे भी सार्वजनिक स्थान पर धूमपान व थूकना गैरकानूनी है और इस पर जुर्माने का प्रावधान है।
जरूरी हो तो ही जाएं बाजार: कई लोगों को बाजार में घूमने की आदत होती है। बाजार में भीड़ अधिक होती है और शारीरिक दूरी के नियम का पालन आसान नहीं होता। बहुत जरूरी होने पर ही बाजार जाएं। अब तो शहरों में बहुत सारी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं। बेहतर होगा कि ऑनलाइन शॉपिंग का इस्तेमाल करें। अगर बाजार जाएं तो शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखें।
ज्यादा घातक नहीं है वायरस: तमाम बचाव के उपायों को अपनाने के बावजूद यदि कोई संक्रमित हो भी जाए तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह वायरस बहुत ज्यादा घातक नहीं है। देश में ज्यादातर लोगों में हल्का संक्रमण देखा जा रहा है। हल्का संक्रमण होने पर घबराकर तत्काल अस्पताल जाने से बचें। यदि हल्का संक्रमण है तो पांच से सात दिन में यह बीमारी ठीक हो जाती है। इसलिए खांसी, जुकाम है तो घर में भी परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रह सकते हैं। गले में खराश है तो गुनगुने पानी से गरारे करें। इसके अलावा भाप लें। यदि हल्का बुखार है तो उसकी दवा ले सकते हैं। यदि बुखार ज्यादा हो और सांस लेने में परेशानी होने लगे तो अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। इस तरीके से ही इस महामारी से पार पाया जा सकता है।
पौष्टिक आहार है जरूरी: खानपान में दूध, पनीर, दाल सहित अन्य पौष्टिक चीजों का सेवन संतुलित मात्रा में करें। फल व हरी सब्जियों को नियमित रूप से भोजन में शामिल करें। भोजन पौष्टिक व हल्का ही लें और अधिक खाने से बचें। व्यायाम करते रहें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इसके अलावा पूरी नींद लें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहेगी।
दफ्तर से आने के बाद करें स्नान: दफ्तर से आने के बाद कई लोगों ने एक अच्छी आदत यह शुरू कर दी है कि जूते घर से बाहर निकालने के बाद सीधे नहाने जाते हैं। इसका पालन सभी लोगों को करना होगा। दफ्तर से घर पहुंचने के बाद अपने कपड़े साफ करें और स्नान जरूर करें। घर में कोई बुजुर्ग हो तो उनके पास जाने से बचें।
जारी रखें वर्क फ्रॉम होम: सरकार भी वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दे रही है। लॉकडाउन में निजी कंपनियों ने इसे सफलतापूर्वक संचालित किया है। जिन कंपनियों व विभागों में संभव है वहां अभी वर्क फ्रॉम होम को जारी रखने की जरूरत है। दफ्तरों में शिफ्ट के अनुसार कम संख्या में कर्मचारी बुलाए जाने चाहिए ताकि काम भी प्रभावित न हो और शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी हो सके।
खुद ही रखना होगा ध्यान: अनलॉक-1 में कळ्छ धार्मिक स्थल भी खुल गए हैं। लगभग ढाई माह से लोग धार्मिक स्थलों पर नहीं जा रहे थे। इस संक्रमण के बीच धार्मिक स्थल पर जाना कोई बहुत जरूरी काम नहीं है। वहां होने वाली भीड़ से खतरा हो सकता है। दुनिया में ऐसे कई उदाहरण मिले जब धार्मिक स्थलों पर भीड़ होने के कारण कोरोना का संक्रमण हुआ। इटली में चर्च की भीड़ से संक्रमण का मामला सामने आया था।
दूरी बनाकर रखें: दफ्तर में भी घर की तरह साफ-सफाई होनी चाहिए। प्रतिदिन दो से तीन बार दफ्तर की सफाई जरूरी है। इसके अलावा, कर्मचारियों के हैंड वॉश के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। कर्मचारी कम से कम दो मीटर की दूरी बनाकर रहें। व्यक्तिगत आदान-प्रदान कम होना चाहिए और एक -दूसरे से खाने का सामान कम ही साझा करना चाहिए।
तो न करें सफर: यदि खांसी, जुकाम व हल्का बुखार हो तो दफ्तर न जाएं। खांसी जुकाम होने पर सार्वजनिक वाहनों में सफर भी न करें, क्योंकि इससे दूसरों को संक्रमण हो सकता है। सार्वजनिक वाहनों में सफर करते समय मास्क पहनकर रहें। कैब में चालक को भी मास्क पहनकर रहना जरूरी है। बचाव के लिए बस, रेलवे स्टेशन व सभी दफ्तरों में थर्मल स्कैनिंग की सुविधा जरूरी है।