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Coronavirus Symptoms: विटामिन डी की कमी पाई जाने वाले 99 फीसद संक्रमितों की मौत

Coronavirus Symptoms डेलीमेल के अनुसार इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं ने 780 लोगों के विश्लेषण के जरिए बताया है कि इससे मरने वालों में से 99 फीसद लोग ऐसे थे जिनमें विटामिन डी की कमी पाई

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 04:37 PM (IST)
Coronavirus Symptoms: विटामिन डी की कमी पाई जाने वाले 99 फीसद संक्रमितों की मौत
Coronavirus Symptoms: विटामिन डी की कमी पाई जाने वाले 99 फीसद संक्रमितों की मौत

नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Symptoms दुनिया में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना से दुनिया में साढे चार लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन परिस्थितियों में एक विश्लेषण ने चौंकाने वाले नतीजे पेश किए हैं। डेलीमेल के अनुसार इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं ने 780 लोगों के विश्लेषण के जरिए बताया है कि इससे मरने वालों में से 99 फीसद लोग ऐसे थे, जिनमें विटामिन डी की कमी पाई गई है। नतीजों के अनुसार, इन परिस्थितियों में पोषक तत्व ‘धूप‘ जीवन रक्षक हो सकती है।

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यूरोपीय देशों में कम विटामिन डी, अधिक मौतें : कैम्ब्रिज में एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय ने पाया कि कम विटामिन डी के स्तर वाले यूरोपीय देशों में महामारी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। वहीं ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट एंड केयर एक्सीलेंस इस मुद्दे की समीक्षा आयोजित कर रहा है, जिसका प्रकाशन अगले महीने हो सकता है।

विटामिन डी की कमी खतरनाक : इस विश्लेषण के मुताबिक, यदि व्यक्ति के शरीर में 20 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम विटामिन डी पाया जाता है तो कोरोना वायरस से संक्रमित 98.9 फीसद लोगों की मृत्यु हो जाती है। हालांकि जिन रोगियों के पास पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी पाया गया, उनकी मौत का आंकड़ा सिर्फ 4.1 फीसद था। यह बताता है कि विटामिन डी की न्यून मात्रा कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लिए घातक परिणाम देने वाली हो सकती है।

विटामिन डी ऐसे करता है प्रभावित : आपके शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होता है तो आपकी हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती हैं। साथ ही यह इंसुलिन प्रतिरोध, उच्च रक्तचाप और इम्युन सिस्टम को सुचारू रखने में भूमिका निभाता है। साथ ही यह कैंसर और हृदय रोगों में भी प्रभावी होता है, हालांकि इस पर शोध जारी है।

अन्य अध्ययनों के भी मिलते-जुलते परिणाम : लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एड्रियन मार्टिनों ने एक परीक्षण के माध्यम से बताया है कि जीवनशैली के कुछ कारक जिनमें विटामिन डी का स्तर भी शामिल है, वायरस के प्रति संवेदनशीलता को प्रभावित करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि श्वसन संक्रमण में विटामिन डी की दवा के बारे में सोचा जा सकता है। वहीं सर्रे विश्वविद्यालय के मुताबिक, विटामिन डी स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह चमत्कारिक नहीं है, क्योंकि इसका प्रमाण स्पष्ट नहीं है।

कई सवाल भी हैं : घटता विटामिन डी, बढ़ते संक्रमित (प्रति 10 लाख पर कोविड-19 संक्रमण मामले) इंडोनेशिया में सामने आया यह अध्ययन किसी भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय या फिर कोविड-19 रिसर्च से नहीं जुड़ा है। सभी पांच शोधकर्ता जिनका नेतृत्व प्राबोवो रहारुसुना करते हैं, स्वतंत्र शोधकर्ता हैं। साथ ही उनकी वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। यह रिसर्च अप्रैल में प्रकाशित हुई थी, जिसकी समीक्षा की जानी है। टीम ने पाया कि विटामिन डी की कमी वाले रोगियों की उम्र, लिंग और अन्य बीमारियों को ध्यान में रखते हुए मृत्यु की संभावना 10 फीसद अधिक थी।

सूर्य की रोशनी से बढ़ाएं विटामिन डी : विटामिन डी का सबसे अच्छा स्नोत सूर्य की रोशनी है। यदि आप अपने भोजन में विटामिन डी का बेहतर स्नोत नहीं ढूंढ पा रहे हैं तो आपके लिए सूर्य की रोशनी से बेहतर कुछ नहीं है। कुछ देर धूप में रहने से विटामिन डी के साथ ही कई अन्य लाभ भी मिलते हैं। सूर्य की रोशनी से शरीर अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आता है और यह शरीर में विटामिन डी की पूर्ति करता है। धूप के अतिरिक्त विटामिन डी की पूर्ति के सबसे अच्छे स्रोतों में ऑयली फिश, अंडा, दूध और कुछ प्रकार के मशरूम शामिल किए जाते हैं।


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