दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड रेल प्रोजेक्ट में चीनी कंपनी को मिला ठेका, टनल बनएगी कंपनी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ठेका सौंपा है। चीनी कंपनी न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किलोमीटर लंबे भूमिगत टनल का निर्माण कराएगी। सभी प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए चीनी कंपनी को यह ठेका सौंपा गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली से मेरठ के बीच निर्माणाधीन क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना में भूमिगत टनल बनाने का ठेका एक चीनी कंपनी को दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ठेका सौंपा है। चीनी कंपनी न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किलोमीटर लंबे भूमिगत टनल का निर्माण कराएगी।
देश की पहली क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण
एनसीआरटीसी ने कहा कि सभी प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए चीनी कंपनी को यह ठेका सौंपा गया है। एनसीआरटीसी देश की पहली क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण करा रहा है। निगम ने कहा कि कई एजेंसियां इस परियोजना का वित्तपोषण कर रही हैं और ठेके के लिए कई स्तरों पर मंजूरी लेनी पड़ती है। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी सिविल कार्य के लिए ठेका दे दिया गया है और निर्माण पूरी गति से चल रहा है।
कंपनी को ठेका देने को लेकर हुआ था विवाद
प्रवक्ता ने कहा कि परियोजना का काम निर्धारित समय (2025) तक पूरा कर लिया जाएगा। पिछले साल इस टनल के लिए निकाली गई निविदा में चीनी कंपनी ने सबसे कम बोली लगाई थी। लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के चलते इस कंपनी को ठेका देने को लेकर विवाद पैदा हो गया था। चूंकि इस प्रोजेक्ट का वित्तपोषण एशियाई विकास बैंक (एडीबी) भी कर रहा है। इसलिए उसके नियमों के मुताबिक एडीबी का कोई भी सदस्य देश निविदा प्रक्रिया में शामिल हो सकता है। चीन भी एडीबी का सदस्य है।
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