भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र की याचिका पर सुनवाई अगले माह तक टली
शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में गिरफ्तार माओवादी समर्थकों के खिलाफ दायर जांच रिपोर्ट और आरोपों का सारांश पेश करने को कहा था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुनवाई अगले माह तक टाल दी है। राज्य सरकार ने बांबे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने आरोप पत्र दायर करने की 90 दिनों की समय सीमा बढ़ाने से इन्कार कर दिया था।
शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में गिरफ्तार माओवादी समर्थकों के खिलाफ दायर जांच रिपोर्ट और आरोपों का सारांश पेश करने को कहा था। एक आरोपित की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जयसिंह से कहा, 'हम आज किसी मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। हम 8000 पृष्ठों का दस्तावेज (आरोप पत्र और सारांश) नहीं पढ़ पाए हैं।' वकील ने मंगलवार को तय सुनवाई टालने का आग्रह किया। पीठ ने अगली तारीख की घोषणा नहीं करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
मामले में आरोपित सुरेंद्र गाडलिंग की ओर से पेश जयसिंह ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि सभी आरोपित जेल में हैं। मामले की सुनवाई आठ जनवरी तय की जाए। इसके जवाब में पीठ ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।