कोरोना की नई स्ट्रेन बेहद संक्रामक, जानें कितना बड़ा है खतरा, एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने बताया
देश में कोरोना की नई स्ट्रेन के अब तक 20 मामले सामने आए हैं। कोरोना के नए खतरे पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने अपनी बात रखी है। उन्होंने बुधवार को कहा कि कोरोना की नई स्ट्रेन बेहद संक्रामक है इसलिए अतिरिक्त सावधानियां बरतने की जरूरत है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना की नई स्ट्रेन के अब तक 20 मामले सामने आए हैं। इससे संक्रमण बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। हालांकि नई स्ट्रेन को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। इस बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना की नई स्ट्रेन बेहद संक्रामक है इसलिए हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम इसे भारत में बड़े पैमाने पर नहीं आनें दें। सरकार ने इसके लिए ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइटों को बंद करने समेत कई कदम उठाए हैं।
नए कोरोना स्ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने बुधवार को कहा कि कोरोना ने दुनिया में कई जगहों पर अपने रूप बदले हैं। जहां तक सवाल है ब्रिटेन की नई कोरोना स्ट्रेन का तो इसको लेकर सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलने वाली है। सरकार ने इसे रोकने के लिए ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइटों को बंद करने समेत कई कदम उठाए हैं। यदि इन नई कोरोना स्ट्रेन के चलते संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होती है तो हम उस पर एक्शन लेंगे।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना को लेकर भारत अभी बहुत अच्छी स्थिति में है। रोजाना के मामलों में काफी कमी आई है। यही नहीं देश में कोविड के खिलाफ रिकवरी रेट में काफी ज्यादा है। यही नहीं इससे होने वाली मौतें भी कम हैं। गुलेरिया ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि नई स्ट्रेन नवंबर या फिर दिसंबर की शुरुआत में ही देश में दाखिल हो गई हो। आंकड़े बताते हैं कि यह स्ट्रेन बहुत तेजी के साथ फैलती है लेकिन भारत के मामले में पिछले 4 से 6 हफ्ते के दौरान कोविड के मामलों में कोई भारी बढ़ोतरी नहीं हुई है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ब्रिटेन की नई स्ट्रेन भारत में आ गई है तो यह कोरोना के मामलों और हॉस्पीटलाइजेशन पर असर डाल सकती है। ऐसे में हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि हम भारत में इसे व्यापक तौर पर नहीं फैलने दें। यह बहुत अच्छी खबर है कि एस्ट्राजेनेका को ब्रिटेन के नियामक ने मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन के पास इस बारे में मजबूत आंकड़े हैं। भारत में यही वैक्सीन सीरम संस्थान विकसित कर रहा है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के कई हिस्सों के लिए एक बड़ा कदम है।
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