अगस्ता-वेस्टलैंड मामले में कोर्ट ने आरोपी मिशेल को पांच दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेजा
पिछली सुनवाई में मिशेल के वकील ने उसकी जमानत के लिए अर्जी भी लगाई थी, जिस पर कोर्ट मिशेल की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वीवीआइपी चॉपर डील में हुए घोटाले के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। मिशेल को कोर्ट की तरफ से पांच दिन का रिमांड मिला था, जो सोमवार को खत्म हो रही है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी मिशेल को पांच दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया हैैै। सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि मिशेल सुनवाई में मदद नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले मिशेल के वकील अनिल जोसेफ सोमवार सुबह सीबीआइ हेड क्वार्टर पहुंचे और कोर्ट में पेश करने से पहले मिशेल से मुलाकात की।
इससे पहले जांच एजेंसियों का कहना था कि मिशेल से पूछताछ में अहम जानकारी मिली है, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। बता दें कि पिछले सप्ताह 4 दिसंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआइ कोर्ट ने मिशेल को 5 दिनों की हिरासत में भेज दिया था। इस दौरान मिशेल के वकील ने उसकी जमानत के लिए अर्जी भी लगाई थी, जिस पर कोर्ट मिशेल की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सकता है।
यहां पर बता दें कि 4 दिसंबर को अगस्ता वेस्टलैंड मामले के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया गया था, ऐसा माना जा रहा है कि क्रिश्चियन मिशेल के आने से कई सारे राज खुल सकते हैं। भारत की जांच एजेंसियां लंबे समय से उसे भारत लाने का प्रयास कर रही थीं। यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में चलाया गया था।
कहा यह भी जा रहा है। भारतीय जांच एजेंसियों की पूछताछ में वह उन नेताओं और नौकरशाहों के नाम उगल सकता है जिन्हें 3600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, मिशेल ने कुछ लोगो इस डील के दौरान घूस दी थी जिसके नाम उसने कोड वर्ड में लिखे थे उसका खुलासा वही कर सकता है। यूएई की सुरक्षा एजेंसियों ने फरवरी 2017 में मिशेल को गिरफ्तार किया था और इसके बाद से ही उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें चल रही थीं। मिशेल को भारत प्रत्यर्पित कराने के लिए भारतीय एजेंसियों सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशालय ने यूएई का कई बार दौरा किया। इस दौरान एजेंसियों ने यूएई के अधिकारियों एवं न्यायालय के साथ घोटाले से जुड़े आरोपपत्र, गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्य एवं दस्तावेज साझा किए थे।
बता दें कि ईडी के दस्तावेज के मुताबिक, मिशेल को 12 हेलिकॉप्टर के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए 225 करोड़ दिये गए। आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान 2010 में हुए इस डील का करार पाने के लिए एंग्लो-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय राजनेताओं, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, नौकरशाहों समेत वायुसेना के दूसरे अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए मिशेल को करीब 350 करोड़ रुपए दिए। इस सौदे में 2013 में घूसखोरी की बात सामने आने पर तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटोनी ने न केवल सौदा रद्द किया बल्कि सीबीआई जांच के आदेश भी दिए।