Terror Funding Case: आतंकी फाइनेंसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, गुरुग्राम में प्रॉपर्टी जब्त
आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने आतंकियों को फाइनेंस कर रहे फाइनेंसरों की संपत्तियों को जब्त करना शुरू कर दिया है।
गुरुग्राम, एजेंसी। भारत सरकार ने आतंकियों की मदद कर रहे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस कड़ी में आतंकियों की आर्थिक मदद कर रहे फाइनेंसरों की संपत्तियों को जब्त करना शुरू किया गया है। इस सिलसिले में एनआइए द्वारा 13 संदिग्ध लोगों और उनकी संपत्तियों की पहचान की गई है।
पहले दौर की जांच में 7 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को जब्त किया है, जिसका इस्तेमाल आतंकियों को फंडिंग के रूप में किया गया है। गुरुग्राम में ज़हूर अहमद शाह वटाली के बंगले पर भी छापेमारी की गई है। फिलहाल वटाली तिहाड़ जेल में बंद है। प्रवर्तन निदेशालय को बंगले से जो दस्तावेज मिले हैं उससे साफ संकेत मिलता है कि वटाली को सीधे तौर पर दिल्ली में पैसे हाफिज सईद, सईद सलाहुद्दीन, आईएसआई और पाकिस्तान से मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इससे पहले कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में आतंकियों की 13 संपत्तियों को जब्त किया था। यह कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर के आतंकी और अलगाववादी संगठनों की वित्तीय ऑक्सीजन रोकने की कवायद के तहत की गई है। यह कार्रवाई हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ कमांडर सैयद सलाउद्दीन के खिलाफ दर्ज आतंकी फंडिग से जुड़े मामले में की गई थी।
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत एक प्रोविजनल कैलेंडर जारी कर 1.22 करोड़ रुपये मूल्य की 13 संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया था। ईडी के मुताबिक, ये सभी संपत्तियां बांडीपोरा के रहने वाले मोहम्मद शफी शाह और जम्मू कश्मीर के छह अन्य नागरिकों के नाम पर थी। यह सभी लोग आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करते हैं।