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भारत में AIDS से ज्यादा खतरनाक हुआ प्रदूषण, लाखों लोग हैं इसकी चपेट में

विश्व भर में प्रदूषण से होने वाली मौत की संख्या 90 लाख पहुंच चुकी है। ऐसे में यह संख्या मलेरिया, एड्स और तपेदिक से होने वाली मौत से भी तीन गुना है।

By Edited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 08:56 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 01:45 PM (IST)
भारत में AIDS से ज्यादा खतरनाक हुआ प्रदूषण, लाखों लोग हैं इसकी चपेट में
भारत में AIDS से ज्यादा खतरनाक हुआ प्रदूषण, लाखों लोग हैं इसकी चपेट में

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पढ़कर या सुनकर हैरानी भले ही हो, लेकिन तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण अब जानलेवा होता जा रहा है। आलम यह है कि 2015 से लेकर अब तक दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में 25 लाख लोग इसकी चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। ऐसे लोगों की संख्या तो कहीं ज्यादा है जो प्रदूषण के कारण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं। यह तथ्य विदेशी शोध एजेंसी लैंसेट आयोग की रिपोर्ट में है।

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इसके अनुसार, विश्व भर में प्रदूषण से होने वाली मौत की संख्या 90 लाख पहुंच चुकी है। यह संख्या मलेरिया, एड्स और तपेदिक से होने वाली मौत से भी तीन गुना है। चीन दूसरे नंबर पर है जहां प्रदूषण से होने वाली मौत का आंकड़ा 18 लाख पार कर चुका है। यह रिपोर्ट कहती है कि विकासशील देशों में हर छह में से एक मौत प्रदूषण के ही कारण होती है।

लैंसेट आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की पत्रिका मौसम मंजूषा के नवीनतम अंक में इस पर एक आलेख प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध (1939 से 45) के दौरान भारत में कुल 16 लाख लोग मारे गए थे। 1965 के युद्ध में भारत एवं पाकिस्तान के लगभग तीन हजार लोग मौत का शिकार बने थे। कारगिल युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए थे। यानी प्रदूषण से होने वाली मौत का आंकड़ा इन सबसे ज्यादा हो गया है।

उक्त रिपोर्ट और आलेख के मुताबिक प्रदूषण के प्रभाव से हृदय संबंधी रोगों की संभावना बढ़ रही है। फेफड़ों का कैंसर एवं श्वसन संबंधी रोगों से ग्रस्त मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके अतिरिक्त त्वचा एलर्जी, एक्जिमा और मानसिक तनाव के मरीज भी खूब बढ़ रहे हैं।

डॉ. के.के अग्रवाल (अध्यक्ष, हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया एवं पूर्व अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रदूषण आज नंबर एक 'किलर' बन चुका है। दिल का दौरा पड़ने में भी प्रदूषण बड़ी वजह बन रहा है। अस्थमा अटैक और सांस लेने में तकलीफ के भी आए दिन काफी केस सामने आ रहे हैं। इसलिए संभलना तो अब पडे़गा ही। सभी को अपने हिस्से का प्रयास करना चाहिए। अब भी नहीं संभले तो बहुत देर होती जाएगी।   

डॉ. टी. के जोशी (सलाहकार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय) ने बताया कि  यह सच है कि दिल्ली ही नहीं, देश भर में प्रदूषण खतरनाक रूप ले रहा है। सांस के रोगियों की संख्या में भी 30 फीसद तक का इजाफा हो गया है। लेकिन, लैंसेट आयोग, डब्ल्यूएचओ एवं अन्य एजेंसियों के आंकड़ों से असहमत होते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय जल्द ही अपना अध्ययन शुरू कराने जा रहा है।  

यहां पर बता दें कि प्रदूषण से होने वाली बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जो बहुत हानिकारक होती हैं। हम अक्सर प्रदूषण से घिरे रहते हैं। इन दिनों हवा में प्रदूषण की मात्रा हर जगह ज्यादा है। वायु प्रदूषण इंसान के शरीर में जल्दी असर करता हैं क्योंकि यह सांस के साथ हवा के रूप मे शरीर मे पहुंचता है। वायु प्रदूषण से दमा, खांसी, आंखों की रोशनी कमजोर होना,सिरदर्द रहना, फेफड़ों में संक्रमण होना जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ कर सकता है।

यह भी सच है कि वायु प्रदूषण से बचाव ही इसका उपाय है। इससे बचने के लिए सबसे पहले जल्दी उठकर ताजी हवा शरीर के अंदर लें। ताजी हवा शरीर में लेने के लिए सुबह जल्दी घर से उठकर टहलने निकल जाएं। अगर आपके घर के पास कोई गार्डन है तो वहां जाकर हरियाली या पेड़ के पास खड़े होकर लंबी सांस अंदर खींचे और बाहर छोड़ें।  अगर आपके आसपास प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है तो आप चेहरे को मास्क से ढककर रखें। इससे प्रदूषित हवा को शरीर मे जाने से रोकने में मदद मिलती है। 

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