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100 साल के दौरान छठा सबसे गर्म साल रहा 2018, जानिये- वजह

वहीं इस साल बारिश, गर्मी, शीतलहर, बर्फबारी, तूफान, आंधी, बाढ़ आदि भी देश ज्यादा ङोलना पड़ा। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार देश में बाढ़ और भारी बारिश की वजह से इस साल 800 मौतें हुईं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 09:28 AM (IST)
100 साल के दौरान छठा सबसे गर्म साल रहा 2018, जानिये- वजह
100 साल के दौरान छठा सबसे गर्म साल रहा 2018, जानिये- वजह

नई दिल्ली, जेएनएन। जलवायु परिवर्तन की वजह से देश में गर्मी बढ़ती ही जा रही है। इस सदी का यह दशक जहां सबसे अधिक गर्म रहा, वहीं 1901 से लेकर अब तक 2018 छठा सबसे गर्म साल रहा है।

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मौसम विभाग के मुताबिक 2018 का वार्षिक तापमान 0.41 डिग्री अधिक रहा। इससे पहले 2016 में तापमान 0.72 डिग्री, 2009 में 0.56 डिग्री, 2017 में 0.55 डिग्री, 2010 में 0.54 डिग्री और 2015 में 0.42 डिग्री रहा। इन 117 सालों में सबसे गर्म पंद्रह सालों में से 11 साल 2004-2018 के बीच रहे। इस आधार पर 2009-2018 को सदी का सबसे गर्म दशक बताया जा रहा है।

वहीं इस साल बारिश, गर्मी, शीतलहर, बर्फबारी, तूफान, आंधी, बाढ़ आदि भी देश ज्यादा ङोलना पड़ा। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार देश में बाढ़ और भारी बारिश की वजह से इस साल 800 मौतें हुईं। इनमें 8 से 23 अगस्त के बीच केरल में 223, उत्तर प्रदेश में 158, महाराष्ट्र में 139 और पश्चिम बंगाल में मानसून के दौरान 116 मौतें हुईं।

तूफान की वजह से अप्रैल मई के बीच उत्तर प्रदेश में 166 और झारखंड में जून-जुलाई के दौरान 75 मौतें हुईं। धूल भरी आंधी की वजह से उत्तर प्रदेश में 150 और राजस्थान में 68 मौतें हुईं। वहीं मौसम से पैदा होने वाली बीमारियों से इस साल देशभर में कुल 1,428 लोगों की मौत हुई।

डॉक्टरों के मुताबिक हाल के वर्षों में गर्मी की वजह से स्किन संबंधी बीमारी बढ़ रही है। अधिक तापमान की वजह से 40 फीसद मरीज बढ़ रहे हैं।

यहां पर बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही बता दिया था कि 2018 में मार्च से मई तक तापमान पिछले 50 साल की तुलना में सामान्य से 1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होगा। विभाग का कहना था कि वैसे तो देश भर में तापमान काफी ज्यादा रहने की संभावना थी, लेकिन इन महीनों में उत्तर भारत में सबसे ज्यादा गर्मी रहने का अनुमान था। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सामान्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान था। वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में सामान्य से 2.3 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान  था।

विभाग का अनुमान था कि वैसे तो पूरे उत्तर भारत में तापमान सामान्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहने के अनुमान हैं, लेकिन इसमें भी दिल्ली में तापमान और ज्यादा परेशान कर सकता है। दिल्ली और हरियाणा के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहने के अनुमान हैं और ऐसा हुआ भी। 

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