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भूमि अतिक्रमण के आरोप में केरल के परिवहन मंत्री का इस्तीफा

अलपुझा जिले में लेक रिजार्ट में भूमि अतिक्रमण के आरोपों के चलते थॉमस चांडी के इस्तीफे की मांग बढ़ रही है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 15 Nov 2017 12:36 PM (IST)Updated: Wed, 15 Nov 2017 07:13 PM (IST)
भूमि अतिक्रमण के आरोप में केरल के परिवहन मंत्री का इस्तीफा

तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। भूमि अतिक्रमण के आरोपों का सामना कर रहे केरल के परिवहन मंत्री थॉमस चांडी ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। केरल उच्च न्यायालय द्वारा अलप्पुझा के जिलाधिकारी की एक रिपोर्ट को चुनौती देने वाली चांडी की याचिका खारिज होने के एक दिन बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है। रिपोर्ट में चांडी के स्वामित्व वाली कंपनी पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया है।

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मई 2016 में एलडीएफ सरकार के सत्ता में आने के बाद पी विजयन के कैबिनेट से यह तीसरे मंत्री का इस्तीफा है। इससे पहले एक महिला के साथ वाली एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद राकांपा के एके ससीन्द्रन और भाई-भतीजावाद के आरोपों को लेकर ईपी जयराजन (माकपा) को त्यागपत्र देना पड़ा था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से तीन बार विधायक रहे चांडी को एके ससीन्द्रन के इस्तीफे के बाद आठ महीने पहले कैबिनेट में शामिल किया गया था। राज्य में राकांपा के केवल दो विधायक हैं। चांडी ने अपना त्यागपत्र राकांपा के राज्य अध्यक्ष टीपी पीतांबरन को सौंपा। बाद में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ सलाह-मशविरे के बाद पीतांबरन ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया।

कैबिनेट बैठक में भाग लेने के बाद अलप्पुझा के लिए रवाना होने वाले चांडी ने एक मलयालम टीवी चैनल को बताया कि मुख्यमंत्री ने अभी तक इस्तीफे की मांग नहीं की है। लेकिन, गठबंधन के एक सहयोगी (माकपा) के कड़े रुख के कारण मुख्यमंत्री ने मुझे 'पुनर्विचार' करने के लिए कहा।

चांडी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपसे इस्तीफा देने को नहीं कह रहे हैं। लेकिन, आप अपने नेतृत्व से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर लीजिए। इससे पहले विजयन ने कहा था कि निर्णय राकांपा के राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया गया है। एक व्यापारी से राजनेता बने चांडी की कंपनी पर अलप्पुझा जिले में अपने लेक पैलेस रिजॉर्ट तक जाने के लिए धान के एक खेत से सड़क बनाने और एक पार्किंग क्षेत्र बना कर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था। अलप्पुझा के जिलाधिकारी टीवी अनुपम ने राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट में रिजॉर्ट के कारण भूमि संरक्षण कानून और धान के खेत एवं आर्द्र भूमि संरक्षण कानून के उल्लंघन की बात कही थी।

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