Move to Jagran APP

मूक-बधिरों बच्चों के लिए NCERT तैयार करेगी सांकेतिक भाषा में डिजिटल पाठ्य सामग्री

एनसीईआरटी के 60वें स्थापना दिवस के मौके पर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत की मौजूदगी में यह करार हुआ। मूक-बधिर बच्चे अब बगैर शिक्षकों के भी इसे देखकर पढ़ सकेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 09:59 PM (IST)
मूक-बधिरों बच्चों के लिए NCERT तैयार करेगी सांकेतिक भाषा में डिजिटल पाठ्य सामग्री
शिक्षा मंत्रालय और सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री की मौजूदगी में हुआ करार।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सबका साथ और सबका विकास के मूलमंत्र को आगे बढ़ाते हुए केंद्र ने देशभर के मूक-बधिरों के लिए सांकेतिक भाषा में अब एक स्टैडर्ड डिजिटल पाठ्यक्रम तैयार करने का फैसला लिया है। इसे एनसीईआरटी तैयार करेगी। मंगलवार को इसे लेकर एनसीईआरटी और इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर के बीच एक करार हुआ है। इसके तहत एनसीईआरटी कक्षा एक से लेकर बारहवीं तक की सभी किताबों को सांकेतिक भाषा में डिजिटल तरीके से तैयार करेगी। जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगी।

loksabha election banner

एनसीईआरटी के 60वें स्थापना दिवस के मौके पर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत की मौजूदगी में यह करार हुआ। मूक-बधिर बच्चे अब बगैर शिक्षकों के भी इसे देखकर पढ़ सकेंगे। वैसे भी देश के ज्यादा हिस्सों में सांकेतिक भाषा में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है। ऐसे में इन बच्चों को इससे बड़ी सहूलियत मिलेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि इस पहल से उन सभी विद्याíथयों और शिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो सुन नहीं सकते या कम सुन पाते हैं।

बच्चों को स्कूलों से जोड़ने पर दिया जाएगा जोर

खास बात यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इन मूक-बधिरों जैसे बच्चों को भी स्कूलों से जोड़ने पर जोर दिया गया है। इस दौरान निशंक ने एनसीईआरटी की भूमिका की जमकर सराहना की। कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में भी एनसीईआरटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जो नीति के अनुरूप पाठ्य पुस्तकें तैयार करेगी। इस काम को एनसीईआरटी ने शुरू भी कर दिया है। केंद्रीय मंत्री गहलोत ने भी इस दौरान एनसीईआरटी के काम को सराहा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद ही एनसीईआरटी ने नए पाठ्यक्रमों को तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही संकेत दिए हैं कि 2023 तक वह नई किताबें तैयार कर देगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.