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बच्चों को लॉकडाउन के तनाव से बचाने के लिए बड़ी पहल, देश में करीब 300 काउंसलर किए गए तैनात

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर एनसीईआरटी की ओर से शुरु की गई मुहिम के तहत काउंसलरों की तैनाती रीजन के आधार पर की गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 08:06 PM (IST)
बच्चों को लॉकडाउन के तनाव से बचाने के लिए बड़ी पहल, देश में करीब 300 काउंसलर किए गए तैनात
बच्चों को लॉकडाउन के तनाव से बचाने के लिए बड़ी पहल, देश में करीब 300 काउंसलर किए गए तैनात

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते डेढ महीने से ज्यादा समय से घरों में बैठे बच्चों पर पढ़ाई और परीक्षाओं को लेकर किसी भी तरह का तनाव हावी न हो, इसके लिए एनसीईआरटी ने एक बड़ी पहल शुरु की है। इसके तहत देश भर में करीब तीन सौ अनुभवी काउंसलरों की एक टीम तैनात की गई है, जो बच्चों को इस दौर में पैदा होने वाले सभी तनावों से निकलने का रास्ता सुझाएगी। साथ ही यह भी बताएंगी, कि वह क्या करें, जिससे उन पर इस तरह का कोई तनाव न हावी हो सके। फिलहाल छात्रों के लिए यह सुविधा मुफ्त है।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर एनसीईआरटी की ओर से शुरु की गई मुहिम के तहत काउंसलरों की तैनाती रीजन के आधार पर की गई है। अकेले दिल्ली रीजन में करीब 75 काउंसलरों की इसके लिए लगाया गया है। वहीं नार्थ रीजन में 56, वेस्ट रीजन में 42, ईस्ट रीजन में 48, साऊथ रीजन में 43 और नार्थ-ईस्ट रीजन में 18 काउंसलरों की तैनाती की गई है। साथ ही एनसीईआरटी ने अपने पोर्टल पर इन सभी के फोन नंबर और ई-मेल भी जारी किए है। जिसके जरिए कोई भी छात्र या अभिभावक सीधे ही फोन कर मदद ले सकेंगे। खासबात यह है कि इनमें ऐसे काउंसलर रखे गए है, जो हिंदी, अंग्रेजी के साथ गुजराती, उर्दू, राजस्थानी, मैथली, उड़िया, पंजाबी, तमिल, असमी और बंगाली जैसी भाषाओं को भी जानते है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रभावित होने को लेकर जताई गई थी चिंता

एनसीईआरटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक काउंसलिंग के दौरान छात्रों के साथ अभिभावकों से भी बातचीत करनी पड़ती है, ऐसे में अलग-अलग क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर बोली जाने या समझी जाने वाली भाषाओं से जुड़े काउंसलरों को प्रमुखता से रखा गया है। बता दें कि बच्चों की मदद के लिए काउंसलरों की नियुक्त करने की यह पहल उस समय शुरू की गई, जब हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की छात्रों और अभिभावकों के साथ होने वाली चर्चा में पढ़ाई और भविष्य को लेकर तनाव भरे बड़ी संख्या में सवाल आए थे। इनमें से कई सवालों का जवाब खुद निशंक ने भी देकर उनकी चिंताओं को भगाने की कोशिश की थी। इनमें से कई छात्रों ने स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों से बंद होने से आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रभावित होने को लेकर भी चिंता जताई थी।


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