नेशनल कांफ्रेंस ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को दिया समर्थन
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद भी सरकार गठन को लेकर राजनीतिक दल जी-तोड़ जोर लगा रहे हैं। मंगलवार को नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने तुरूप का पत्ता चलते हुए राज्यपाल एनएन वोहरा को पत्र भेजकर कहा है कि वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को सरकार बनाने के लिए
जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद भी सरकार गठन को लेकर राजनीतिक दल जी-तोड़ जोर लगा रहे हैं। मंगलवार को नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने तुरूप का पत्ता चलते हुए राज्यपाल एनएन वोहरा को पत्र भेजकर कहा है कि वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने को तैयार है। इसके साथ ही राज्यपाल से आग्रह किया गया है कि सरकार के गठन पर कोई अंतिम फैसला लेने से पहले नेकां नेतृत्व से जरूर राय ली जाए।
नेकां के कार्यवाहक प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस कदम से सियासी हलचल तेज हो गई है। सरकार बनाने को लेकर कड़े तेवर अपना रही पीडीपी भी पूरी तरह बैकफुट पर जाती नजर आ रही है। उमर का पत्र उनके विश्वस्त व जम्मू प्रांत के नेकां अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने दोपहर बाद राज्यपाल तक पहुंचाया। अपने पत्र में उमर ने लिखा है कि नेकां ने पहले ही दिन पीडीपी को बिना शर्त समर्थन की पेशकश कर दी थी, लेकिन सरकार बनाने को लेकर पीडीपी द्वारा कोई फैसला न लिए जाने के कारण राज्य में मौजूदा राजनीतिक गतिरोध और संकट पैदा हुआ है।
हालांकि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पूरे जोश के साथ रिकॉर्ड मतदान किया था, लेकिन पीडीपी की असमर्थता के कारण ही राज्य विधानसभा को निलंबित कर राज्यपाल शासन लागू करना पड़ा है।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा चुनाव में कुल 87 सीटों में से किसी भी दल को सरकार बनाने लायक 44 सीटें नहीं मिली हैं। पीडीपी को 28, भाजपा को 25, नेकां को 15, कांग्रेस को 12, पीपुल्स काफ्रेंस को दो, माकपा के अलावा पीडीएफ व एआइपी को एक-एक और दो अन्य सीटों पर निर्दलीय जीते हैं।
इससे बेहतर राज्यपाल शासन : पीडीपी
दूसरी ओर, पीडीपी ने नेकां के समर्थन देने की पेशकश ठुकराने का संकेत देते हुए कहा है कि नेकां के साथ गठजोड़ कर सरकार बनाने से बेहतर तो राज्य में राज्यपाल शासन ही है। पार्टी प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि राज्यपाल को पत्र सौंपकर उमर हम पर दबाव बनाने के लिए माइंडगेम खेल रहे हैं। पहले उन्होंने अचानक इस्तीफा देकर हम पर दबाव बनाने का प्रयास किया था, लेकिन हम दबाव में नहीं आए। अब उन्होंने यह नया शगूफा छोड़ा है। हम सही समय पर सही कदम उठाएंगे।