छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने अगवा तीन महिला स्वास्थ्यकर्मियों को छोड़ा, पुलिस ने ली राहत की सांस
यह सभी कोरोना टीकाकरण में ड्यूटी कर रही थीं। गांवों में टीका लगाने के अभियान को लेकर नक्सलियों की इनसे नाराजगी की भी चर्चा है। अगवा किए जाने की घटना को नक्सलियों के निर्देश का उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाी के रूप में भी देखा जा रहा है।
बीजापुर, राज्य ब्यूरो। नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के गंगालूर थाना क्षेत्र के चिन्नाजोजेर एवं कमकानार गांव से गुरुवार रात अपहृत तीन महिलाओं को शुक्रवार शाम को छोड़ दिया। एसपी कमलोचन कश्यप ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अगवा किए जाने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि घटनाक्रम के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सभी को शनिवार को जिला मुख्यालय बुलाया गया है।
हथियारबंद नक्सलियों ने घर में सो रहीं तीन महिलाओं का किया था अपहरण
सूत्रों के मुताबिक, मितानिन (गांव में काम करने वाली स्वास्थ्य कर्मी) ट्रेनर शारदा उइके को गुरुवार रात कमकानार गांव से नक्सली उठाकर ले गए। वहीं, मितानिन पाइकी उइका एवं आयती का अपहरण चिन्नाजोजेर से किया गया। अचानक पहुंचे हथियारबंद नक्सलियों ने घर में सो रहीं महिलाओं को जगाया और उन्हें अपने साथ ले गए।
महिला स्वास्थ्यकर्मियों की रिहाई से पुलिस ने ली राहत की सांस
ज्ञात हो कि आंगनबाड़ी सहायिका पाइकी उइका के पति सन्नू उइका की नक्सलियों ने छह माह पहले पुलिस मुखबिरी के आरोप में हत्या कर दी थी। स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास से जुड़े इस मैदानी अमले की रिहाई से पुलिस ने राहत की सांस ली है। शुक्रवार शाम को तीनों को छोड़ दिया गया है और वे अपने गांव चली गई हैं।
सभी महिलाएं कोरोना टीकाकरण में ड्यूटी कर रही थीं
नक्सलियों द्वारा घटनास्थल पर किसी प्रकार का पर्चा नहीं छोड़ा गया था। यह सभी कोरोना टीकाकरण में ड्यूटी कर रही थीं। गांवों में टीका लगाने के अभियान को लेकर नक्सलियों की इनसे नाराजगी की भी चर्चा है। अगवा किए जाने की घटना को नक्सलियों के निर्देश का उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाी के रूप में भी देखा जा रहा है।